Russian Submarine Near Japan: रूस ने जापान के पास पहली बार न्यूक्लियर सबमरीन तैनात की है, जिसने जापान के साथ-साथ अमेरिका और पूरी दुनिया की टेंशन बढ़ा दी है. क्योंकि डर है कि रूस और चीन की समुद्र में बढ़ती सैन्य साझेदारी एशिया-प्रशांत महासागर में तनाव को बढ़ा रही है. हाल ही में जापान ने यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर अतिरिक्त प्रबंध लगाए हैं, जिसके जवाब में रूस ने कार्रवाई की धमकी दी थी. वहीं जपान के साथ रूस का कुरिल द्वीपों (जापान नॉर्दर्न टेरिटरीज) को लेकर पुराना विवाद चल रहा है, ऐसे में अमेरिका को डर है कि कहीं रूस-पुतिन के कारण तीसरा विश्व युद्ध न छिड़ जाए.
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अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
बता दें कि अमेरिकी की खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट संकेत करती हैं कि रूस महासंग्राम के लिए परमाणु हथियार लॉन्च करने की पर्याप्त तैयारी कर चुका है. बता दें कि 5460 परमाणु हथियारों के साथ रूस अमेरिका के बाद विश्व का सबसे बड़ा परमाणु शक्ति केंद्र है. फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट (FAS) ने भी रूस के परमाणु हथियारों पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि रूस के पास लगभग 5460 परमाणु वारहेड हैं.
इनमें से उसने लगभग 1718 फिलहाल तैनात कर रखे हैं, जो परमाणु युद्ध के लिए तैयार हैं. रूस ने अपus Nuclear Triad यानी जमीन, समुद्र और हवा में परमाणु हथियारों की तैनाती को आधुनिक बनाने का काम जारी रखा हुआ है. उसने अपने पुराने सोवियत युग के हथियारों को आधुनिक हथियारों से बदल दिया है. जैसे Sarmat (RS-28), Yars ICBMs और पनडुब्बी आधारित Borei-श्रेणी के हथियार.
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जापानी समुद्र में कब दिखी रूस की न्यूक्लियर सबमरीन?
बता दें कि 24 सितंबर 2025 को जापान के समुद्र तट के पास रूस की नौसेना की न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन को देखा गया. पहली बार जापान के समुद्री तट के रूस की सबमरीन नजर आई तो जापान की टेंशन बढ़ गई. जापान के जॉइंट स्टाफ ऑफिस ने इसकी पुष्टि की और बताया कि रूस की सबमरीन क्रूजर RFS वारयाग और रेस्क्यू टग फोटिय क्रायलोव के साथ ला पेरोस स्ट्रेट से गुजर रही थी। हाल ही में चीन की नौसेना ने भी इस स्ट्रेट को पार किया था.
बता दें कि ला पेरोस स्ट्रेट जापान के मुख्य द्वीप होक्काइडो और रूस के साखालिन द्वीप के बीच है. सबमरीन इस ट्रेट के पास जापान के केप सोया (Cape Soya) के उत्तर-पूर्व में लगभग 24 मील (लगभग 38 किलोमीटर) दूर देखी गई. हालांकि सबमरीन जापान की अंतरराष्ट्रीय जल सीमा के बाहर थी, लेकिन जापान के लिए रूस और चीन की नौसेना को ट्रेट को पार करना चिंता का विषय है. इसलिए जापान की सरकार ने रूस से लगती समुद्री सीमा के पास चौकसी और बढ़ा दी है.
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क्या रही सबमरीन की तैनाती पर जापान की प्रतिक्रिया?
बता दें कि समुद्र में रूस की सबमरीन को देखते हुए जापान मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स (JMSDF) ने एक P-3C ओरियन पैट्रोल एयरक्राफ्ट को तैनात कर दिया है, ताकि रूसी सबमरीन की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. क्योंकि रूस की बोरे-क्लास सबमरीन न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन है, जो करीब 16 ‘बुलावा’ इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस है. यह मिसाइलें परमाणु हथियारों के साथ हजारों किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को भेद सकती हैं. रूस के पास वर्तमान में 8 न्यूक्लियर सबमरीन हैं और 2 का निर्माण कार्य जारी है.










