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पाकिस्तान ने बताया ट्रेन हाईजैक के पीछे भारत का हाथ, PM के सलाहकार ने उगला जहर!

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मंगलवार (11 मार्च) को बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) नाम के संगठन ने 400 से अधिक यात्रियों को लेकर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया। बीएलए ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर बताया कि बोलन जिले में उसके लड़ाकों ने रेलवे ट्रैक को उड़ाकर जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया है। वहीं, इस मामले में पीएम शहबाज शरीफ के सलाहकार ने भारत को लेकर जहर उगला है।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Mar 12, 2025 17:13
Pakistani Prime Minister Shahbaz Sharif

जाफर एक्सप्रेस बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी इसी दौरान बलोच लिब्ररेशन आर्मी (BLA) आतंकियों ने इस पर फायरिंग कर हाईजैक कर लिया। साथ ही बीएलए ने बयान जारी कर धमकी दी है कि अगर पाकिस्तान सेना कोई ऑपरेशन शुरू किया तो वो सभी बंधकों को मार देंगे। ट्रेन हाईजैक की इस घटना ने पाकिस्तान सरकार की सुरक्षा की पोल खोल दी है। पाकिस्तान अभी तक अपने सभी बंधकों को छुड़ाने में असफल है और अपनी असफलता को छुपाने के लिए भारत और अफगानिस्तान पर आरोप लगा रहा है।

भारत को लेकर क्या कहा पीएम शरीफ के सलाहकार ने?

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने भारत के खिलाफ गंभीर और बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। अपनी नाकामी छिपाने के लिए उन्होंने बिना किसी सबूत के कहा है कि बलूच विद्रोहियों को भारत का समर्थन मिल रहा है। दरअसल, पाकिस्तान के एक टीवी के एंकर ने सनाउल्लाह से सवाल किया था कि क्या अफगानिस्तान में रह रहे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से बलोच लिब्ररेशन आर्मी को मदद मिल रही है और क्या इनके आपस में संबंध हैं? इस सवाल के जवाब में सनाउल्लाह ने बिना सोचे समझे भारत का नाम ले लिया। सनाउल्लाह ने कहा कि ‘ये भारत कर रहा है, इसमें कोई शक नहीं है। भारत मदद कर रहा है और अफगानिस्तान में उन्हें सुरक्षित पनाह मिली हुई है। वहीं बैठकर वो इस तरह की प्लानिंग करते हैं। ये लोग पाकिस्तान के दुश्मन हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है। ये कोई राजनीतिक मसला नहीं है और बलोच विद्रोहियों का कोई राजनीतिक एजेंडा भी नहीं है। इनका मकसद सिर्फ लोगों की हत्या करना और उनसे लूटमार करना है।’

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अफगानिस्तान पर भी लगाया आरोप

वहीं, सनाउल्लाह ने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘भारत TTP और BLA दोनों का समर्थन कर रहा है और उनके पास अफगानिस्तान जैसा सुरक्षित ठिकाना है। अफगानिस्तान में घात लगाने की सुविधा होने के कारण उनके ऑपरेशन बढ़ गए हैं। तालिबान के सत्ता में आने से पहले ये घात लगाने की सुविधा उनके पास नहीं थी। हमने अफगानिस्तान को सरकार के स्तर पर कहा है कि वह यह सब बंद करे, नहीं तो हम वहां आकर इन घात लगाने वालों को निशाना बनाएंगे।’ बलूचिस्तान में सैन्य बलों की कार्रवाई को लेकर जब सनाउल्लाह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘बलूचिस्तान में इस तरह की कार्रवाई काफी पहले से होती रही हैं। अंतर सिर्फ इतना है कि अब अफगानिस्तान में उन्हें पनाह मिल गई है। उन्हें हर तरह से वित्तीय मदद भी मिल रही है। उन्हें ये सुविधा दी गई है कि वो जाएं, सीमा पार करें और अपनी कार्रवाई करके वापस आ जाएं।’

24 घंटे में सिर्फ 155 बंधकों की रिहाई

जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक हुए  24 घंटे बीत चुके हैं और अब तक सिर्फ 155 बंधकों की रिहाई हो सकी है। यह पाकिस्तान सरकार की सुरक्षा की नाकामी दर्शाती है। हालांकि, पाकिस्तानी सुरक्षाबलों और बीएलए लड़ाकों के बीच मुठभेड़ जारी है, लेकिन सेना के जवान बड़ी सावधानी के साथ आगे बढ़ रहे हैं क्योंकि लड़ाके सुसाइड बॉम्बर्स का घेरा बनाए हुए हैं। ये ऑपरेशन पाकिस्तानी सेना के लिए चुनौती बनता जा रहा है।

क्या हैं बलूच लिबरेशन आर्मी की मांगें?

बीएलए ने जाफर एक्सप्रेस को बंधक बनाने के बाद पाकिस्तान सरकार के सामने अपनी मांगें रखते हुए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और अल्टीमेटम का आधा समय बीत चुका है। बीएलए का कहना है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान की किसी भी एजेंसी या सुरक्षा एजेंसी का कोई भी नुमाइंदा वहां नहीं होना चाहिए। बलूचों का मानना है कि पाकिस्तान चीन के साथ मिलकर CPEC प्रोजेक्ट चला रहा है, इसकी वजह से उनके खनिजों का दोहन हो रहा है। इसलिए इस प्रोजेक्ट को बंद करना चाहिए। साथ ही बलूच नेता जो पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं, उन्हें जल्दी रिहा करने की मांग की है। बता दें कि पिछले कई सालों से बलूच आर्मी लगातार ऐसे हमले करता आ रहा है। बीएलए ने कभी चीनी इंजीनियर को तो कभी पाकिस्तान के राजनयिकों को निशाना बनाया है।

BLA चाहता है स्वतंत्र बलूचिस्तान

बलूचिस्तान को स्वतंत्र देश घोषित करने की मांग करने वाले कई अलगाववादी संगठन हैं। इनमें बलोच लिब्ररेशन आर्मी (BLA) भी एक है। बीएलए बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग कर रहा है। इस संगठन की स्थापना 2000 के आसपास हुई थी। बीएलए पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना और चीन के साथ चल रहे प्रोजेक्ट्स को लगातार निशाना बनाता आया है। वहीं, पाकिस्तान के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन और कई पश्चिमी देशों ने बीएलए पर प्रतिबंध लगाकर रखा है।

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Edited By

Satyadev Kumar

First published on: Mar 12, 2025 04:54 PM

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