India Plan to Resolve Ukraine Russia War: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले एक साल से चल रहा युद्ध खत्म कराने की कोशिशें चल रही हैं, लेकिन इन प्रयासों में भारत, ब्राजील और चीन की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी भी युद्ध समाप्त करने में भारत की मध्यस्थता पर बयान दे चुकी हैं। हालांकि रूस के राष्ट्रपति पुतिन शांति के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन शांति प्रयासों के बावजूद अभी तक युद्ध खत्म करने पर सहमति नहीं बन पाई है। ऐसे में अब भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता कराने की जिम्मेदारी अपने James Bond of India अजीत डोभाल को जिम्मेदारी सौंपी है, क्योंकि रूस और यूक्रेन समेत इटली, ब्राजील और चीन का भी मानना है कि भारत अपनी कूटनीति से दोनों देशों के बीच युद्ध को खत्म करा सकता है। इसलिए अजीत डोभाल अब भारतीय दूत बनकर मॉस्को जाएंगे।
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रूसी राष्ट्रपति से बातचीत के बाद बना प्लान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही हमें जब प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन की यात्रा पर गए थे तो उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा था कि भारत अपनी तरफ से हरसंभव मदद करेगा। युद्ध खत्म कराने के लिए प्रयास करेगा। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से भी फोन पर बात करके युद्ध खत्म करने पैरवी की थी। साथ ही उन्हें बताया था कि वे अपने NSA अजीत डोभाल को मॉस्को भेजेंगे। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी कहा है कि रूस-यूक्रेन विवाद को सुलझाने में भारत अहम भूमिका निभा सकता है। एक सम्मेलन के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात के बाद मेलोनी के हवाले से कहा कि मेरा मानना है कि संघर्ष को सुलझाने में चीन और भारत की भूमिका है। एकमात्र ऐसी चीज जो नहीं हो सकती, वह यह सोचना है कि यूक्रेन को छोड़ कर संघर्ष को सुलझाया जा सकता है।
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रूस ने भी भारत को बड़ा मध्यस्थ बताया है
बता दें कि इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी का यह बयान ऐसे समय आया है, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत को उन देशों की सूची में शामिल किया, जिनके साथ वह यूक्रेन के साथ छिड़े विवाद की चर्चा करते हैं और विवाद सुलझाने का जिक्र करते हैं। रूसी राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव भी कह चुके हैं कि भारत यूक्रेन के साथ रूस की वार्ता को सुविधाजनक बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है, क्योंकि भारत कूटनीति अपनाकर विवाद सुलझाने में विश्वास करता है।
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