Aeroflot Flight 2306 Crash Memoir: एयरोफ्लोत फ्लाइट 2306 अपने सफर पर थी। 22000 फीट (6700 मीटर) की ऊंचाई पर अचानक स्मोक अलार्म बजने लगा। चेक करने पर पता चला कि कार्गो होल्ड में भीषण आग लगी है। क्रू मेंबर्स ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग ने पैसेंजरों के सामान को चपेट में ले लिया। हालात बिगड़ते देखकर पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग कराने का फैसला लिया। इस बीच आग के धुएं से वेंटिलेशन सिस्टम खराब हो गया और केबिन में धुंआ भर गया।
पैसेंजर बेहोश होने लगे तो पायलट जहाज को तेजी से नीचे लाया, लेकिन केबिन में धुंआ भरने से उसे खाली मैदान नजर नहीं आया और जहाज जंगल में पेड़ों से टकराकर क्रैश हो गया। इस दौरान इंजन से तेल लीक होने से जहाज में जोरदार ब्लास्ट भी हुआ। धमाका होते ही जहाज में आग लग गई, जिसमें जिंदा जलने से करीब 54 पैसेंजर मारे गए। मृतकों में 7 बच्चे भी शामिल थे। बाकी लोगों को अधजली हालत में रेस्क्यू करके अस्पताल ले जाया गया।
#OTD in 1986: Aeroflot Flight 2306, a Tu-134, crash lands in Kopsa (USSR), 54 of 94 aboard die. Crew reported fire in cargo hold forcing an emergency descent in bad weather. Exact cause of fire was undetermined, reportedly a passenger was carrying fire hazardous material. pic.twitter.com/fXEQ4WFPeP
---विज्ञापन---— Air Safety #OTD by Francisco Cunha (@OnDisasters) July 2, 2021
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इंजन से तेल लीक होने से ब्लास्ट हुआ
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एयरोफ्लोट एयरलाइन के टुपोलेव TU-134 प्लेन ने आज से 38 पहले 2 जुलाई 1986 को उड़ान भरी थी। डोमेस्टिक फ्लाइट थी, जिसे रूस के वोर्कुता शहर से मास्को तक जाना था। क्तिवकर में फ्लाइट का स्टॉपेज था, लेकिन सिक्तिवकर से रवाना होने के बाद इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान जहाज क्रैश हो गया। हादसे में 86 पैसेंजरों और 6 क्रू मेंबर्स में से 54 लोग मारे गए। हादसे की करीब 5 महीने चली जांच में स्पष्ट हुआ कि इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान जहाज का बैलेंस बिगड़ने से हादसा हुआ।
इंजन से तेल लीक होने से ब्लास्ट हुआ और जहाज का ज्यादातर हिस्सा जलकर राख हो गया। सबसे पहले आग जहाज के उस हिस्से में लगी, जहां पैसेंजरों का सामान रखा था, लेकिन आग बुझाने से पहले इसने सभी केबिन को अपनी चपेट में ले लिया था। क्रू मेंबर्स आग बुझाने के प्रयास असफल रहे और आग से निकलने वाला धुआं केबिन में भर गया। पायलट को मजबूरन इमरजेंसी लैंडिंग कराने का फैसला लेना पड़ा।
ज्वलनशील पदार्थ के कारण आग लगी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पायलट ने अपनी तरफ से हादसा होने से रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन कम दृश्यता, हवाई अड्डे से दूरी और कॉकपिट में धुएं के कारण जहाज नीचे जंगल में उतारना पड़ा। आग लगने के सही कारणों का पता नहीं चल पाया, लेकिन आशंका है कि किसी पैसेंजर के सामान में आग लगाने वाला उपकरण या प्रतिबंधित ज्वलनशील पदार्थ होगा। उसके सामान की चेकिंग नहीं हुई होगी या चेकिंग में उस चीज का पता नहीं चला होगा।
यह भी हो सकता है कि कोई आपराधिक साजिश रची गई हो, लेकिन किसी ज्वलनशीन पदार्थ के रिसाव के कारण ही कार्गो होल्ड में आग लगी। जहाज ने जब सिक्तिवकर में स्टॉपेज लिया तो 5 पैसेंजर्स चढ़े थे। उनमें 2 बल्गेरियाई लकड़हारे थे तो हो सकता है कि उनके सामान में कोई ज्वलनशील पदार्थ हो। फ्लाइट के क्रू मेंबर्स में कैप्टन वी. डुब्रोव्स्की, सह-पायलट डी. कुलेशोव, फ्लाइट इंजीनियर एस. शमिरकानोव, नेविगेटर वाई. दिमित्रिएव और 2 फ्लाइट अटेंडेंट शामिल थे।
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