Peru Girl denied abortion: 11 साल की एक लड़की ने गर्भपात कराने से इंकार कर दिया है। उसे 13 हफ्ते पहले पता चला कि वह गर्भवती है। उसके साथ छह साल की उम्र से उसका सौतेला पिता रेप कर रहा था। वह उसे जान-माल की धमकी देकर ऐसा पाप कर रहा था। शिकायत पुलिस तक पहुंची तो आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाद में उसे जमानत मिल गई। इस बीच पीड़िता अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को जन्म देना चाहती है। ये पूरा मामला दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप के पेरू देश का है।
पीड़िता को शेल्टर होम में भेजा गया
पीड़िता अमेजन वर्षावन में लोरेटो क्षेत्र की राजधानी इक्विटोस की प्राथमिक विद्यालय की छात्रा है। उसे शेल्टर होम में रखा गया है। इसी शेल्टर होम में चार महीने के बच्चे समेत उसे तीन भाई-बहनों को भी रखा गया है।
मां बोली- बेटी को देखना चाहती हूं पर बच्चे को नहीं
पीड़िता की मां ने बताया, ‘मैं डर गई थी, क्योंकि मुझे धमकी दी गई थी कि यदि किसी को बताया तो जान से मार दूंगा। अब मैं जब भी उसके बारे में बात करती हूं तो कांप जाती है। वह सबकुछ बुरे सपने जैसा है।’
उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी बेटी को देखना चाहती हूं, लेकिन मैं उस बच्चे को नहीं देखना चाहती, क्योंकि इससे मेरी बेटी को चोट पहुंची है।’ मां ने कहा कि क्षेत्रीय प्राधिकरण, लोरेटो स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट (UPE) ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि गर्भपात करने के अनुरोध के बावजूद उनकी बच्ची बच्चा पैदा क्यों करना चाहती है?
मेडिकल बोर्ड के सामने पीड़िता ने रखी बात
फिलहाल पेरू के सेंटर फॉर द प्रमोशन एंड डिफेंस ऑफ सेक्शुअल एंड रिप्रोडक्टिव राइट्स (PROMSEX) ने मामले को अपने हाथ में लिया। मां ने कहा कि यूपीई ने लड़की को लोरेटो के क्षेत्रीय अस्पताल में रेफर कर दिया, ताकि निदेशक मंडल यह तय कर सके कि लड़की गर्भपात करा सकती है या नहीं। लेकिन अस्पताल बोर्ड ने फैसला किया कि पीड़िता गर्भ जारी रखेगी। अस्पताल का दावा है कि 11 वर्षीय लड़की ने उन्हें बताया था कि वह गर्भावस्था को समाप्त नहीं करना चाहती थी।
उन्होंने यह भी कहा कि बलात्कार के मामले चिकित्सीय गर्भपात से संबंधित कानून के तहत नहीं आते हैं। चिकित्सीय गर्भपात इसलिए किया जाता है, क्योंकि इससे मां की जान को खतरा होता है।
फिर से जांच करेगा बोर्ड
PROMSEX ने अधिकारियों से मामले को फिर से देखने का आग्रह किया, जिससे महिला और कमजोर आबादी मंत्रालय इस बात पर सहमत हुआ कि एक नया मेडिकल बोर्ड मामले की फिर से जांच करेगा।
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