Pakistan security forces Faces highest casualties in eight years: कहते हैं कि पड़ोसी के घर में आग लगाआगे तो लपटें आप के घर तक पहुंच जाएंगी। कुछ ऐसा ही हाल पाकिस्तान का है। आतंक की नर्सरी तैयार करने वाला पाकिस्तान खुद अपनी ही आग में झुलस रहा है। इसका खुलासा इस्लामाबाद स्थित थिंक टैंक, सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) की एक रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, बीते 8 सालों में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने सबसे ज्यादा दंश झेला है। 2023 के पहले नौ महीनों में कम से कम 386 कर्मी मारे गए। वहीं, पूरे पाकिस्तान में हिंसा में चिंताजनक रूप से 57 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
सीआरएसएस की रिपोर्ट शुक्रवार को बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के हंगू में दोहरे आत्मघाती हमलों के बाद आई है। दोनों हमलों में 65 लोग मारे गए थे। जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए।
190 आतंकी हमले हुए
सीआरएसएस रिपोर्ट में 2023 की तीसरी तिमाही को कवर किया गया। जिसमें बताया कि 190 आतंकवादी हमलों और आतंकवाद विरोधी अभियानों में 445 पाकिस्तानी सुरक्षा कर्मियों की जान चली गई और 440 लोग घायल हो गए।
तीसरी तिमाही के लिए सीआरएसएस सुरक्षा रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि इस वर्ष दर्ज की गई हिंसा से संबंधित 1,087 मौतों में से 36 प्रतिशत मौतें सुरक्षा बलों के कारण हुईं, जो कि आठ सालों का एक बड़ा रिकॉर्ड है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में दर्ज की गई हिंसा संबंधी मौतों में कम से कम 137 सैन्यकर्मी और 208 पुलिस कर्मी मारे गए।
खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में सबसे ज्यादा हिंसा
थिंक टैंक ने कहा कि हिंसा में वृद्धि विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा (केपी) और बलूचिस्तान में हुई है। 2023 के पहले नौ महीनों में सभी मौतों में से 92 प्रतिशत इन क्षेत्रों में हुईं, जो 2019 की तुलना में 20 प्रतिशत की वृद्धि है। रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान केपी और बलूचिस्तान में 94 मौतें हुईं।
बलूचिस्तान में हिंसा में 131 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि दर्ज की गई, जबकि केपी में 28 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र में हिंसा की घटनाओं में 283 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई लेकिन मरने वालों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही।
सीआरएसएस के अनुसार, इस तिमाही में अधिकांश मौतें आतंकवाद के कारण हुईं, जिसमें 141 आतंकवादी हमलों में 699 नागरिक और सुरक्षाकर्मी मारे गए और घायल हुए।
सेना प्रमुख ने आतंकवाद को खत्म करने का संकल्प लिया
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर ने रविवार को आतंकवादियों के खिलाफ निरंतर सैन्य अभियानों के माध्यम से देश से आतंकवाद के खतरे को खत्म करने की कसम खाई। मुनीर ने कहा कि आतंकवादी और उनके मददगार, जिनका धर्म और विचारधारा से कोई संबंध नहीं है, पाकिस्तान और उसके लोगों के दुश्मनों के एजेंट हैं।
सेना प्रमुख ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ हमारा अभियान निरंतर जारी रहेगा और सशस्त्र बल, खुफिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियां तब तक आराम नहीं करेंगी जब तक देश से आतंकवाद का खतरा जड़ से खत्म नहीं हो जाता।
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