नई दिल्ली: पाकिस्तान में हाल ही में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। बाढ़ के चलते पड़ोसी मुल्क के कई हिस्से जलमग्न हो गए हैं। कई जलवायु विशेषज्ञों ने जलप्रलय के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन साथ ही देश में बन रहे बांधों के पूरा न होने को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।
वाइस न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, सिंधु नदी पर प्रस्तावित डायमर-भाषा बांध एक घोटाले में फंस गया है। इस बड़े डैम को बाढ़ सहित देश के लिए कई समस्याओं के समाधान के लिए जाना जाता है। एक सरकारी रिपोर्ट ने पूरी योजना में बड़ी खामियों को उजागर किया है।
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अधूरा पड़ा है बांध
पाकिस्तान की संसदीय मामलों की समिति (पीएसी) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बांध के निर्माण के लिए जनता से 40 मिलियन डॉलर जुटाए गए थे, लेकिन इसके विज्ञापन पर ही 63 मिलियन डॉलर खर्च कर दिए गए और अब ये अधूरा पड़ा है।
बांध को मूल रूप से 1980 के दशक में पूरा किया जाना था, लेकिन पर्यावरणीय प्रभाव और बढ़ती लागत जैसे कारकों ने परियोजना में देरी हुई। फिर 2018 में पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार ने बांध के निर्माण के लिए एक कोष की स्थापना की, तब तक लागत बढ़कर 14 बिलियन डॉलर हो गई थी।
क्रिकेट टीम ने भी दिया था फंड
वाइस न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि निसार ने पाकिस्तान के लोगों से चंदा लेने के लिए फंड की स्थापना की और दावा किया कि वे बांध के निर्माण के लिए आवश्यक फंड देंगे। बाद में चंदे के रूप में न सिर्फ जनता बल्कि देश की क्रिकेट टीम और टॉप संगीतकारों से भी फंड मिलने लगा। सेना और कई सरकारी कर्मचारियों ने 1 बिलियन डॉलर देने के लिए अपने वेतन का एक हिस्सा छोड़ दिया।
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जानकारी के मुताबिक, तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोष का संयुक्त नेतृत्व किया। वाइस न्यूज ने कहा कि जब निसार 2019 में सेवानिवृत्त हुए, तो 6.3 बिलियन डॉलर की कमी थी। उस वक्त निसार की टिप्पणी ने देश की जनता को झकझोर कर रख दिया। पाकिस्तान के अब सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि फंड वास्तव में बांध बनाने के लिए नहीं था, बल्कि जागरूकता बढ़ाने के लिए था।
भ्रष्टाचार के आरोप जल्द ही सामने आए और कई प्रभावशाली पाकिस्तानियों ने इस ज्वाइंट के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया। पाकिस्तान नेशनल असेंबली के एक सदस्य अहसान इकबाल ने दावा किया कि बांध के लिए जुटाई राशि से अधिक इसके विज्ञापन पर खर्च कर दिए गए। बता दें कि पीएसी ने पिछले महीने निसार को उनके समय में स्थापित बांध निधि के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए तलब किया था।
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