Turkey Earthquake: तुर्की और उत्तर-पश्चिम सीरिया में भूकंप के बाद हाहाकार मचा हुआ है। घटनास्थल से सामने आ रही तस्वीरें दिल दहलाने वाली हैं। कई जगहों से भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं। कुछ जगहों से मलबे में दबे लोगों की विचलित करने वाली तस्वीरें भी सामने आईं हैं। इन सबसे बीच तुर्की और सीरिया के मौसम विभाग की ओर से की गई भविष्यवाणी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
भूकंप से अब तक तुर्की और सीरिया में 4 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सैंकड़ों लोग घायल भी बताए जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आशंका जताई है कि दोनों देशों में भूकंप से 20 हजार से अधिक लोगों की मौत हो सकती है।
7.8 तीव्रता वाले भूकंप ने तुर्की और सीरिया में कई इमारतों को चंद सेकंड में गिरा दिया। भूकंप के झटके सीरिया, लेबनान, साइप्रस, ग्रीस और इस्राइल में भी महसूस किए गए।
सीरिया और तुर्की में रेस्क्यू में जुटे लोग और राहत बचाव दल के कर्मी उस वक्त दहशत में आ गए जब मंगलवार को एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। आज सुबह आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.9 रही।
अब ठंड में आसमान के नीचे गुजर रही रात
तुर्की और सीरिया में भयानक भूकंप के बाद हजारों लोग बेघर हो गए हैं। जो भूकंप की चपेट से बचे हैं, उनके सामने काफी चुनौतियां है। घर के जमींदोज होने के बाद उन्हें ठंड के मौसम में खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है।
भूकंप के बाद सीरिया में बारिश और ठंड के बीच रेस्क्यू टीम को राहत बचाव कार्य चलाते देखा गया। सीरिया मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में ठंड की भविष्यवाणी भी की है। ऐसे में घायलों और बेघर हुए लोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं।
भारत और दक्षिण कोरिया ने भेजी मदद
तुर्की और उत्तरी सीरिया में विनाशकारी भूकंप के बाद मदद भेजने वालों में भारत और साउथ कोरिया सबसे आगे हैं। भारत ने कहा कि वह अपने प्राकृतिक आपदा प्रतिक्रिया बल के 100 सदस्यों को विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और उपकरणों के साथ तुर्की भेज दिया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रशिक्षित डॉक्टरों, पैरामेडिक्स और आवश्यक दवाओं वाली मेडिकल टीमें तुर्की जाएंगी।
साउथ कोरिया से 60 लोगों की टीम मदद को तुर्की पहुंची
दक्षिण कोरिया 60 लोगों की टीम मदद के लिए तुर्की पहुंची है। साउथ कोरिया ने कहा है कि इसके बाद चिकित्सा आपूर्ति भी की जाएगी। मंगलवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने तुर्की को अपना भाई बताया। उन्होंने कहा कि ये तुर्की ही था जिसने 1950-53 के कोरियाई युद्ध के दौरान दक्षिण कोरिया की मदद के लिए अपनी सेना भेजी थी। इस कार्रवाई में तुर्की ने अपने 700 से अधिक सैनिकों को खो दिया था।
इसे अंतरराष्ट्रीय आपदा के रूप में देखा जाना चाहिए: यून
साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून ने कहा, “इस दर्द और कठिनाई से निपटने के लिए हमारे भाई तुर्की की मदद करना एक स्पष्ट निर्णय है।” “इतनी बड़ी संख्या में हताहत होने वाली घटना एक निश्चित राष्ट्र की आपदा से कहीं अधिक है और इसे एक अंतरराष्ट्रीय आपदा के रूप में देखा जाना चाहिए, और अंतर्राष्ट्रीय समाज को पूरी तरह से अपना कर्तव्य और जिम्मेदारी निभानी चाहिए।”
संयुक्त राष्ट्र ने भी दिया मदद का आश्वासन
सीरिया के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत बासम सब्बाग ने संवाददाताओं से कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने “हमें आश्वासन दिया है कि संयुक्त राष्ट्र इस कठिन परिस्थिति में सीरिया की मदद करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।” सबबाग ने कहा कि उन्होंने गुटेरेस को देश के विदेश मंत्री से मदद का अनुरोध करते हुए एक पत्र दिया था।
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