इकबाल मंच के युवा नेता उस्मान हादी आज सुपुर्द-ए-खाक हो गए. उनके जनाजे में मानो जनसैलाब उमड़ गया हो. हजारों समर्थकों की भीड़ उनके अंतिम विदाई देने पहुंची. इस दौरान हादी के चाहने वालों ने इंसाफ के लिए नारे भी लगाए. हादी को राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम की कब्र के पास दफनाया गया.
मोहम्मद युनूस भी हुए जनाजे में शामिल
उस्मान हादी की नमाज-ए-जनाजा में शामिल होने के लिए मणिक मिया एवेन्यू पर समर्थकों की भीड़ सुबह से ही जुटना शुरू हो गई थी. देखते ही देखते हजारों लोग इकट्ठे हो गए. हादी को अंतिम विदाई देने के लिए अलग-अलग तबके के लोग पहुंचे थे. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस भी उस्मान हादी के नमाज-ए-जनाजा में शामिल हुए. इस दौरान उनके साथ सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.
हादी के बड़े भाई ने किया जनाजे का नेतृत्व
उस्मान हादी के बड़े भाई मौलाना डॉ. अबु बकर सिद्दीकी ने नमाज ए जनाजा का नेतृत्व किया. जिसके बाद हादी को दफन कर दिया गया. आपको बता दें कि 12 दिसंबर को ढाका के पलटन इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें नकाबपोश बंदूकधारियों ने उन्हें गोली मार दी थी. जिसके बाद सिंगापुर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.
समर्थकों ने इंसाफ के लिए लगाए नारे
हादी के जनाजे में शामिल हुए लोगों ने उनके लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए. लोगों ने कहा किहादी की शहादत को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा और गुनहगारों को सजा दिलाने तक लड़ाई जारी रहेगी. माहौल की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, ताकि हालात बेकाबू होने से पहले सही एक्शन लिया जा सके.










