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टूरिज्म इंडस्ट्री ठप, होटल-रेस्टोरेंट खाली…नेपाल में Gen-Z प्रदर्शन और हिंसा का असर

Nepal Gen-Z Protest News: नेपाल में जेन-जी प्रदर्शन ने देश में सत्ता परिवर्तन तो कर दिया लेकिन उनके द्वारा की गई हिंसा ने देश के पर्यटन क्षेत्र को बुरी तरह से प्रभावित किया है. काठमांडू, जो नेपाल की राजाधानी भी है और पर्यटन का प्रमुख शहर भी. वहा हिंसा के चलते होटल बुकिंग्स कैंसिल हुई है और थमेल जैसे स्थल पूरी तरह सुनसान हो गए हैं.

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Sep 16, 2025 13:25

Nepal Gen-Z Protest News: नेपाल में Gen-Z प्रदर्शन थम चुका है. इस जोरदार प्रदर्शन ने पूरे देश को एक कर दिया और ओली सरकार को सिर्फ 2 दिन में घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया. इसके बाद इस्तीफों की झड़ी लग गई,. अब नेपाल में अंतरिम सरकार भी बनाई जा चुकी है जिसका नेतृत्व सुशील कार्की कर रही हैं. मगर इन सबसे हटकर देखा जाए तो नेपाल को होने वाला नुकसान भी उसकी अर्थव्यवस्था के लिए संकट बन गई है. जी हां, नेपाल एक पर्यटन प्रमुख क्षेत्र है, जहां की अधिकांश आमदनी का स्त्रोत टूरिज्म है, वहां पर्यटन पूरी तरह ठप हो गया है.

होटलों की 35% बुकिंग कैंसिल

नेपाल हर समय सैलानियों से भरा रहने वाला देश है. काठमांडू में सबसे ज्यादा पर्यटन स्थल है. थमेल में दिन-रात भीड़ हुआ करती थी, मगर अब ये इलाका सुनसान पड़ गया है. सिर्फ भारत नहीं दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां घूमने आते थे. नेपाल को हिमालय की गोद में बसा क्षेत्र कहा जाता है क्योंकि दुनिया के सात सबसे ऊंचे पर्वत यहां मौजूद है. जेन-जी विरोध प्रदर्शन के बाद यहां के होटलों में बुकिंग लगातार कैंसिल हुई है. बुकिंग कैंसिल का आकंड़ा 35% बताया जा रहा है.

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थमेल की तंग गलियों में सन्नाटा

थमेल काठमांडू का ऐसा इलाका है, जहां की गलियां सैलानियों से गुलजार रहती थी. यहां की दुकाने, पब और रेस्टोरेंट में यूथ और बाहर से आए लोगों की भीड़ होत थी, मगर 15 सितंबर के बाद से यहां सन्नाटा पसर गया है. इससे न सिर्फ पर्यटन प्रभावित हुआ है बल्कि लोकल वेंडर्स और रेस्टोरेटं ओनर्स को भी भारी नुकसान हो रहा है.

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होटलों में तबाही

Gen-Z प्रोटेस्ट में प्रदर्शनकारियों ने अंधाधुंध तबाही की है. उन्होंने कई बड़े और करोड़ों की कीमत वाले होटलों को क्षति पहुंचाई है, जिससे उन्हें दोबारा रिपेयर करवाना पड़ेगा. इसमें भी लाखों का खर्चा हो सकता है. रॉयटर्स के अनुसार, नेपाल पर्यटन प्राधिकरण ने होटल मालिकों और ट्रेकिंग आयोजकों ने बताया कि उनके पहले से बुक पर्यटकों की संख्या में करीब 30% तक गिरावट हुई है. होटल बुकिंग कैंसिल हुई है, ट्रेकिंग के लिए आने वाले 35% ट्रैकर्स ने अपनी बुकिंग कैंसिल करवाई है.

दुकानों में लुटपाट

इस हिंसा से देश की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई है. प्रदर्शनकारियों ने कई दुकानों में तोड़-फोड़ की है, जिस कारण दुकानों में लुटपाट और उनके सामानों को नष्ट कर दिया गया है. इन सबसे बिक्री पर भी असर पड़ेगा और महंगाई भी बढ़ेगी. लोगों के घरों में भी तोड़फोड़ की गई है. हालांकि, फिलहाल नेपाल की स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. अंतरिम सरकार ने कल 17 सितंबर को प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले युवाओं के लिए राष्ट्रीय शोक समारोह का ऐलान किया है.

जलते घरों की गंध बरकरार

प्रदर्शन के दौरान लोगों के घरों और दुकानों समेत कई सार्वजनिक स्थलों पर आगजनी हुई थी. ये आग धीरे-धीरे शांत हो गई है, मगर उसकी गंध अब भी शहर में फैली हुई है. राख और स्मोक की महक ने वातावरण को भी जहरीला बना दिया है. फिलहाल, नेपाल के होटल मालिकों को वापस पर्यटनों के लौटने की उम्मीद है. ये जरूरी भी है क्योंकि नेपाल में हर साल लगभग 12 लाख टूरिस्ट पहुंचते हैं. देश की 8% GDP टूरिज्म पर ही आधारित है.

बता दें कि नेपाल में अगला आम चुनाव 5 मार्च 2026 को होगा. नेपाल में फिलहाल अंतरिम सरकार काम कर रही है.

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First published on: Sep 16, 2025 01:12 PM

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