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भारत को NATO की कड़ी चेतावनी, रूस से आर्थिक संबंध टूटे तो जानें क्या पड़ेगा असर?

Russia Ukraine War Update: रूस और यूक्रेन की जंग को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। ट्रंप ने नाटो के सहयोगी देशों को चेतावनी दी तो नाटो प्रमुख ने भारत, चीन और ब्राजील को चेतावनी दे दी। तीनों को रूस के साथ आर्थिक संबंधों को लेकर चेतावनी दी है। आइए जानते हैं कि नाटो प्रमुख क्या कह रहे हैं?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Jul 16, 2025 11:47
NATO Chief | Mark Rutte | Russia Ukraine War
राष्ट्रपति ट्रंप की चेतावनी के बाद नाटो प्रमुख का बयान सामने आया है।

NATO Warned India: नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) ने भारत, चीन और ब्राजील को रूस के साथ व्यापारिक संबंध को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। नाटो ने रूस के साथ आर्थिक संबंध बनाए रखने पर तीनों देशों पर कड़े प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। साथ ही तीनों देशों को सलाह दी है कि वे यूक्रेन के साथ सीजफायर के लिए रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बात करें। बता दें नाटो प्रमुख मार्क रूट का बयान ऐसे समय आया है, जब रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते जब अमेरिका रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए नाटो के सहयोगी देशों को अतिरिक्त टैरिफ लगाने चेतावनी दे रहे हैं।

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अमेरिका की चेतावनी के बाद दी चेतावनी

नाटो प्रमुख मार्क रूट ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन को हथियार देने का ऐलान किया है। अमेरिका यूक्रेन को एयर डिफेंस सिस्टम, मिसाइलें और गोला बारूद देगा, जिनकी पेमेंट यूरोपीय देश करेंगे। साथ ही राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर रूस ने 50 दिन के अंदर यूक्रेन से सीजफायर नहीं किया तो वह रूस के बिजनेस पार्टनर देशों भारत, चीन, ब्राजील आदि पर अतिरिक्त टैरिफ लगा देगा। अमेरिका का टैरिफ और प्रतिबंध प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए तीनों देश मिलकर रूस से बात करें और यूक्रेन के साथ सीजफायर के लिए मनाने की कोशिश करें।

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आर्थिक संबंध टूटने का क्या पड़ेगा असर?

रूस से आर्थिक संबंध टूटने का असर भारत के कई सेक्टर्स पर पड़ सकता है, जिनमें एनर्जी, डिफेंस, ट्रेडिंग प्रमुख हैं। रूस से आर्थिक संबंध टूटने का सबसे बड़ा असर एनर्जी सेक्टर पर पड़ेगा। क्योंकि भारत रूस से कच्चा तेल और नेचुरल गैस का आयात करता है। अगर रूस से भारत के संबंध टूटे तो भारत में तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। भारत को तेल और गैस के लिए दूसरे सोर्स तलाशने होंगे, जो महंगे साबित हो सकते हैं। दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास और टेक्नोलॉजी को-ऑपरेशन प्रभावित हो सकता है, जिससे भारत की रणनीतिक स्थिति पर असर पड़ सकता है।

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डिफेंस सेक्टर और द्विपक्षीय व्यापार होगा प्रभावित

रूस के साथ आर्थिक संबंध टूटने से भारत का डिफेंस सेक्टर प्रभावित होगा, क्योंकि रूस भारत को मॉडर्न टेक्नोलॉजी के हथियार देता है। एस-400 मिसाइल सिस्टम की सप्लाई भी करता है। अगर रूस से संबंध टूटे तो भारत को डिफेंस सेक्टर के लिए अमेरिका या यूरोपीय देशों से सपंर्क करना पड़ेगा, जो महंगे और समय लेने वाली व्यवस्था होगी। रूस के साथ आर्थिक संबंध टूटने से द्विपक्षीय व्यापार प्रभावित होगा। फार्मास्यूटिकल्स, मशीनरी, और कृषि जैसे क्षेत्रों का निर्यात प्रभावित होगा। भारत और रूस ने मिलकर रुपये और रूबल में व्यापार को बढ़ावा दिया है। संबंध टूटने से यह व्यवस्था बाधित होगी, जिससे व्यापार लागत बढ़ सकती है।

First published on: Jul 16, 2025 11:04 AM

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