Nasa Lander Athena Missing on Moon: अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा को तगड़ा झटका लगा है, क्योंकि एजेंसी का मून मिशन फेलियर की तरफ जा रहा है। दरअसल, अंतरिक्ष यान एथेन चंद्रमा के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंड हो गया था, लेकिन अब वह ‘लापता’ हो गया है। वैज्ञानिक उससे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। वह नजर नहीं आ रहा है। उसकी स्थिति स्पष्ट नहीं है। ऐसा होने से वैज्ञानिकों की टेंशन बढ़ गई है। यह चिंता ठीक उसी तरह है, जैसे इंट्यूटिव मशीन के पिछले IM-1 मिशन के दौरान वैज्ञानिकों ने अनुभव की थी।
बता दें कि इंट्यूटिव मशीन्स द्वारा बनाया गया नासा का प्राइवेट एथेना लैंडर चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतर गया है, लेकिन इसकी स्थिति अभी तक अनिश्चित बनी हुई है। लैंडिंग के कुछ पल बाद ही लैंडर का इंजन बंद हो गया था और वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि भी की थी, लेकिन लैंडर की आखिरी स्थिति तक पता नहीं चल पा रही है। ऐसे में मिशन के फेल होने का डर वैज्ञानिकों को सता रहा है। वहीं लैंडर के लापता होते ही नासा ने मून मिशन का लाइव टेलिकास्ट भी रोक दिया है, जो ताजा अपडेट मिलने तक रुका ही रहेगा।
LIVE: NASA and @Int_Machines leadership talk about the March 6 lunar landing. Athena touched down on the Moon at approximately 12:30pm ET (1730 UTC). https://t.co/1kmUECWgqj
---विज्ञापन---— NASA (@NASA) March 6, 2025
वैज्ञानिक ने मीडियो के बात लैंडर की स्थिति
इंडिया टूडे की रिपोर्ट के अनुसार, ह्यूस्टन में जॉनसन स्पेस सेंटर में मीडिया से बात करते हुए इंट्यूटिव मशीन्स के चीफ एग्जीक्यूटिव स्टीव अल्टेमस ने कहा कि विश्वास नहीं हो रहा है कि हम एक बार फिर चंद्रमा की सतह पर पहुंच गए हैं, लेकिन एथेना लैंडर अभी तक सीधी स्थिति में नहीं है और अंतरिक्ष यान से ठीक से संपर्क भी नहीं हो पा रहा है, लेकिन लैंडिंग साइट के आसपास हैं और जल्दी ही लैंडर को लोकेट करके सीधा कर देंगे।
उन्होंने स्वीकार किया कि वे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर मॉन्स माउटन पर लैंडर के होने या न होने के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं। बता दें कि एथेना का मिशन, नासा के कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विस (CLPS) प्रोग्राम का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरना था। लैंडिंग स्थल, मॉन्स माउटन, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से लगभग 160 किलोमीटर दूर है और आज तक कोई भी अंतरिक्ष यान इस क्षेत्र के इतने नजदीक नहीं पहुंचा है।
चंद्रमा की मिट्टी में जमे पानी का विश्लेष्ण करना था
मिशन डायरेक्टर और कंपनी के को-फाउंडर टिम क्रेन ने कहा कि लैंडर को चंद्रमा की मिट्टी में जमे पानी का विश्लेषण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। लैंडर 14 मार्च को चंद्रग्रहण की तस्वीरें लेने के लिए भी प्लान है। एथेना नोकिया की 4G/LTE सेल्यूलर नेटवर्क टेक्नोलॉजी से लैस है, लेकिन लैंडर चांद की सतह पर सीधा खड़ा है या नहीं, इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है। मिशन कंट्रोलर को लैंडिंग की स्थिति का पता लगाने में समय लग रहा है। चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग के बाद लैंडर मिशन कंट्रोलर के संपर्क में था और सोलर पावर भी जनरेट कर रहा था, लेकिन करीब आधे घंटे बाद यह ‘लापता’ जैसा हो गया है।