Mass Jailbreak In Congo: लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां 100 से ज्यादा महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया और फिर उन्हें जिंदा जला दिया गया। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह अपराध उस समय हुआ जब रवांडा समर्थित समूह कांगो के गोमा शहर में घुस गया।
जेल की महिला विंग में हुई घटना
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यह हमला 27 जनवरी को कांगो के गोमा में सामूहिक जेल से भागने के दौरान मुंजेंजे जेल की महिला विंग में हुआ था। इस दौरान कई हजार पुरुष कैदी भागने में सफल रहे, जबकि महिला विंग को जला दिया गया। यह घटना उस समय हुई जब कथित तौर पर रवांडा द्वारा समर्थित एम23 विद्रोहियों ने शहर पर हमला किया, जिससे मुंजेंजे जेल के अंदर अराजकता फैल गई। संयुक्त राष्ट्र के एक आंतरिक दस्तावेज से पता चलता है कि कैदियों द्वारा लगाई गई आग में मारे जाने से पहले 165 से 167 महिलाओं के साथ पुरुष कैदियों ने यौन उत्पीड़न किया था।
अपराधियों की अभी तक नहीं हो पाई पहचान
आग में कम से कम 141 कैदी और 28 बच्चे मारे गए। गोमा में एम23 (मार्च 23 मूवमेंट) विद्रोही समूह द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से शांति सैनिक मामले की जांच करने में असमर्थ हैं। इसलिए अपराधियों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
4 हजार कैदी के भागने का दावा
गोमा में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के उप प्रमुख विवियन वैन डे पेरे ने दावा किया है कि लगभग 4,000 कैदी जेल से भाग गए है। इनमें 100 से ज्यादा महिलाएं भी शामिल थीं, जो आग में फंस गईं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने गोमा में सशस्त्र समूहों को चेतावनी दी है। ये समूह संघर्ष के दौरान यौन हिंसा को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे।
सीसीटीवी फुटेज आया सामने
जेल से भागने की घटना के जो फुटेज सामने आए हैं उसमें स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कैदी भाग रहे हैं और पीछे धुआं फैल रहा है। इस दौरान भारी गोलीबारी की आवाजें भी आ रही हैं।
🚨⚡🇨🇩More than 100 female prisoners were raped and then burned alive during a prison break in the Democratic Republic of Congo city of Goma
An internal UN document, according to the BBC, says that between 165 & 167 women were attacked by male prisoners during a prison break🙏✝️ pic.twitter.com/KXjsLxK8cd
— vanhoa (@vanhoa2272) February 7, 2025
लड़ाई में 2900 लोगों की गई जान
10 लाख से ज्यादा आबादी वाला शहर गोमा, पूर्वी लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो में तेजी से आगे बढ़ रहा था, लेकिन अब यह एम23 विद्रोहियों के हाथों यह घिर गया है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, लड़ाई में कम से कम 2,900 लोगों की जान चली गई है, जिनमें से 2,000 शव पहले ही दफना दिए गए हैं और 900 शव अभी भी मुर्दाघरों में पड़े हुए हैं।
राजनयिक मिशनों को भी बनाया गया निशाना
बता दें कि जनवरी के अंत में, उत्तरी किवु प्रांत के गोमा शहर और दक्षिणी किवु प्रांत के बुकावु शहर में राजनयिक मिशनों को सशस्त्र गिरोहों द्वारा निशाना बनाया गया था, जिसके कारण कई देशों ने अपने नागरिकों को कांगो छोड़ने की चेतावनी दी थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य की पुलिस ने राजधानी किंशासा में कई दूतावास भवनों पर हमला करने वाले प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
जानकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने उन देशों के राजनयिक मिशनों को निशाना बनाया, जिन्हें वे रवांडा द्वारा एम23 विद्रोही समूह को समर्थन देने के लिए सहयोगी मानते हैं। गौरतलब है कि एम23 विद्रोही समूह ने पूर्वी शहर गोमा पर कब्जा कर लिया है।
क्या है एम23?
मार्च 23 मूवमेंट (एम23) एक विद्रोही समूह है, जिसका नेतृत्व तुत्सी जाति के लोग करते हैं। इन्होंने कांगो सैनिकों के खिलाफ हथियार उठाए थे। इस समूह ने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य की सरकार पर देश की सेना और प्रशासन में कांगोली तुत्सियों का एकीकरण सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।