Why a US startup fired its entire workforce : अमेरिका का एक स्टार्टअप इस साल बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निकालने वाली पहली कंपनी बन गया है। फ्रंटडेस्क (Frontdesk) नाम के इस स्टार्टअप ने दो जनवरी को एक वर्चुअल कॉल के दौरान अपने पूरे स्टाफ को बाहर कर दिया था। इस कंपनी में 200 लोग काम कर रहे थे।
Short term rental manager Frontdesk on verge of failure, lays off almost all of its nearly 200 employee workforce
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फ्रंटडेस्क की स्थापना साल 2017 में हुई थी। यह एक प्रॉपटेक या प्रॉपर्टी टेक्नोलॉजी स्टार्टअप है। इसने बीते मंगलवार को दो मिनट की गूगल मीट कॉल के दौरान अपने सभी फुल टाइम, पार्ट टाइम और कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे लोगों को निकाल दिया। यह कंपनी पूरे अमेरिका में 1000 से ज्यादा फर्निश्ड अपार्टमेंट मैनेज कर रही थी।
कंपनी ने क्यों उठाया ऐसा कदम
रिपोर्ट्स के अनुसार फ्रंटडेस्क के सीईओ जेसी डीपिंटो ने कॉल के दौरान कर्मचारियों से कहा कि कंपनी स्टेट रिसीवरशिप के लिए आवेदन करेगी, जो कि बैंकरप्सी का एक विकल्प है। इस स्टार्टअप ने पूरी बिल्डिंग को मैनेज करने के लिए अपने प्लान को लेकर निवेशकों को मनाने की कोशिश की थी, लेकिन इसे लेकर बात बन नहीं पाई।
फ्रंटडेस्क ने निवेशकों से करीब 2.60 करोड़ डॉलर (लगभग 216 करोड़ रुपये) जुटाए थे। इसके निवेशकों में जेटब्ल्यू वेंचर्स, वेरिटास इन्वेस्टमेंट्स और सैंड हिल एंजल्स जैसी नामी कंपनियां शामिल थीं। लेकिन निवेशक कंपनी के नए प्लान से सहमत नहीं हुए। इसी का परिणाम रहा कि फ्रंटडेस्क को अपना काम ही बंद करना पड़ गया।
फ्लॉप हो रहा था बिजनेस मॉडल
इस स्टार्टअप का बिजनेस मॉडल मार्केट रेंटल रेट्स पर अपार्टमेंट्स किराये पर लेना और उन्हें फर्निश करके कम अवधि के लिए किराये पर उठाने का था। लेकिन अपार्टमेंट्स फर्निश करने में कंपनी को पहले काफी खर्च करना पड़ रहा था और उस हिसाब से वह कमाई नहीं कर पा रही थी। इस कारण से निवेशकों की रुचि भी इसमें खत्म हो गई।
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