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क्या है अमेरिका का फेंटानिल केस? कार्रवाई के लिए चीन जा रहे FBI डायरेक्टर काश पटेल

FBI Director Kash Patel Upcoming China Visit: फेंटानिल एक शक्तिशाली सिंथेटिक ओपियोइड दवा है, जो दर्द निवारक के रूप में इस्तेमाल होती है. लेकिन अमेरिका में इसका अवैध रूप से यूज हो रहा है, जिससे वहां एक समय इसने महामारी का रूप ले लिया था. अमेरिका मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दुनियाभर के देशों की मदद से इस इस पर लगाम लग सकती है.

Author Written By: Amit Kasana Updated: Oct 25, 2025 08:25
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शी जिनपिंग और डोनाल्ड ट्रंप

FBI Director Kash Patel Upcoming China Visit to Dismantle Fentanyl Supply Chain: अमेरिकी की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी FBI के निदेशक काश पटेल अगले महीने चीन जा रहे हैं. ये कोई सामान्य यात्रा नहीं बल्कि डायरेक्टर का ये दौरा मुख्य रूप से फेंटानिल नामक घातक सिंथेटिक ड्रग के अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन को तोड़ने के मकसद से किया जा रहा है. इसी बीच ये सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या इससे भारत के बाजार पर कोई प्रभाव पड़ेगा?

जानकारी के अनुसार 2010 में अमेरिका में फेंटानिल के ओवरडोज से बड़ी संख्या में मौतें हुईं. अनुमान के मुताबिक 2024 अब तक अमेरिका में फेंटानिल से संबंधित करीब 10 लाख से अधिक मौते हो चुकी हैं. ऐसे में वैज्ञानिक फेंटानिल को एक छिपा हुआ ग्लोबल खतरा मान रहे हैं.

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क्या है फेंटानिल, और क्या है ये पूरा मामला?

फेंटानिल एक शक्तिशाली सिंथेटिक ओपियोइड दवा है, जो दर्द निवारक के रूप में इस्तेमाल होती है. लेकिन अमेरिका में इसका अवैध रूप से यूज हो रहा है, जिससे वहां एक समय इसने महामारी का रूप ले लिया था. अमेरिका मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दुनियाभर के देशों की मदद से इस इस पर लगाम लग सकती है.

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फेंटानिल केस में चीन किस तरह है जिम्मेदार?

जानकारी के अनुसार यह हेरोइन से 50 गुना और मॉर्फिन से 100 गुना अधिक घातक है, जिसके कारण ये इंसान के शरीर के लिए जानलेवा है. इस केस में चीन इस तरह जिम्मेदार है कि चीन से इस दवा का कच्चा माल (प्रीकर्सर केमिकल्स) का बड़ा हिस्सा निर्यात होता है. ये रसायन मेक्सिको जैसे देशों के माध्यम से अमेरिका पहुंचते हैं, जहां कार्टेल उन्हें फाइनल ड्रग में बदल देते हैं. ऐसे में फेंटानिल के केस में अमेरिका चीन की भूमिका को लेकर लंबे समय से नाराज रहा है.

अमेरिका ने चीन पर लगाए थे ये आरोप, फेंटानिल को बताया था समाज के खिलाफ ‘हथियार’

2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुए समझौते के तहत चीन ने फेंटानिल को पूरी तरह नियंत्रित दवाओं की सूची में डाल दिया था. इससे सीधे आयात में तो कमी आई लेकिन ब्लैक मार्केट में प्रीकर्सर रसायनों का फ्लो जारी रहा. 2024 में अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) पर आरोप लगाया कि वह इस संकट को अनदेखा कर रही है, जो अमेरिकी समाज को कमजोर करने का एक अप्रत्यक्ष हथियार बन गया है.

अमेरिका ने 22 चीनी नागरिकों के खिलाफ दर्ज की FIR

अब एफबीआई डायरेक्टर इस मामले में ही कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए चीन जा रहे हैं. इससे पहले अमेरिका ने फेंटानिल केस में सख्ती बरतते हुए सितंबर 2025 में 22 चीनी नागरिकों और चार चीनी फार्मास्युटिकल कंपनियों समेत 29 लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाया. इन पर फेंटानिल के रसायनों की आपूर्ति का आरोप है.

ड्रग्स तस्करों के खिलाफ भारत ने निभाई अहम भूमिका

बता दें इस फेंटानिल संकट का भारत पर सीधा असर कम ही रहेगा. देश में इसकी तस्करी मुख्य रूप से अफगानिस्तान से आने वाले अफीम-आधारित ड्रग्स तक ही सीमित है. जनकारी के अनुसार 2022 के यूएस-चीन डिप्लोमेटिक झगड़ों के बाद भारत ने फेंटानिल विरोधी सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

ये भी पढ़ें: अफगानिस्तान-पाकिस्तान का संघर्ष होगा खत्म? तुर्की के इस्तांबुल में आज होगी दूसरे दौर की वार्ता, क्या है विवाद

First published on: Oct 25, 2025 08:25 AM

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