इजराइल और हमास के बीच शांति समझौता हो गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसमें अहम् भूमिका निभाई है. ट्रंप का कहना है कि अब तक उन्होंने आठ युद्ध रुकवा दिए हैं. ट्रंप के अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप की भागीदारी के बिना यह सब संभव नहीं होता. इसकी शुरुआत मध्य पूर्व की यात्रा से हुई, जहां इस क्षेत्र के साझेदारों के साथ व्यक्तिगत और घनिष्ठ संबंध बने और इसे सभी ने इसे संभव बनाने की नींद रखी.
PM मोदी ने नेतन्याहू से फोन पर की बात
वहीं इस समझौते के हो जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की. बातचीत करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मैंने अपने मित्र, प्रधानमंत्री नेतन्याहू को फोन करके गाजा में युद्ध समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प की शांति योजना के अंतर्गत हुई प्रगति पर बधाई दी. हम बंधकों की रिहाई के समझौते और गाजा निवासियों को मानवीय सहायता में वृद्धि का स्वागत करते हैं. मैंने दोहराया कि आतंकवाद, किसी भी रूप या अभिव्यक्ति में, दुनिया में कहीं भी अस्वीकार्य है.
पीएम मोदी से बात करने के लिए नेतन्याहू ने रोकी बैठक
वहीं इजराइल की मीडिया के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करने के लिए इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी कैबिनेट मीटिंग को बीच में छोड़ दिया. टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में युद्धविराम पर बंधकों की रिहाई के समझौते पर चर्चा के लिए सुरक्षा कैबिनेट की बैठक रोक दी, ताकि वे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर सकें.
टाइम्स ऑफ इजराइल का कहना है कि पीएम मोदी से बात करने के लिए इजराइल के पीएम द्वारा कैबिनेट बैठक रोकने की जानकारी खुद प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा दी गई है. इजराइल पीएम के कार्यालय द्वारा दिए गए बयान में कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने सभी बंधकों की रिहाई के लिए हुए समझौते पर प्रधानमंत्री नेतन्याहू को बधाई दी.” मोदी ने इस बात का जिक्र किया कि नेतन्याहू हमेशा से उनके करीबी दोस्त रहे हैं और उनकी दोस्ती मजबूत बनी रहेगी.