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इजरायल-ईरान युद्ध के बीच अमेरिका के परमाणु खोजी विमान ने क्यों भरी उड़ान? नॉर्थ USA के ऊपर तैनात

US Nuclear Sniffer Plane: इजरायल और ईरान युद्ध के बीच अमेरिका ने परमाणु खोजी विमान तैनात कर दिया है, क्योंकि अमेरिका ईरान के खिलाफ बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है। राष्ट्रपति ट्रंप ने सिचुएशन रूम तैयार करवा लिया है और ईरान का कोई भी प्रस्ताव स्वीकार करने से मना कर दिया है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Jun 17, 2025 10:10
US Nuclear Sniffer Plane | Israel Iran War | Nuclear Attack
अमेरिका का परमाणु खोजी विमान

US Deployed Nuclear Sniffer Plane: इजरायल-ईरान युद्ध के बीच अमेरिका से बड़ी खबर आ रही है। मध्य-पूर्व के 2 देशों इजरायल और ईरान के तल्ख और आक्रामक तेवरों को देखकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सख्त रवैया अपनाए हुए हैं। इसलिए उन्होंने अपनी सेना को परमाणु खोजी विमान तैयार रखने का आदेश दिया है। सोमवार देर रात अमेरिका के परमाणु खोजी विमान WC-135R ने नेब्रास्का के ओमाहा स्थित ऑफुट एयरफोर्स बेस से उड़ान भरी। हालांकि यह विमान अभी नॉर्थ USA के ऊपर पर उड़ रहा है, लेकिन पेंटागन की ओर से इस बारे में कोई ऑफिशियल बयान जारी नहीं किया गया है।

 

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परमाणु और रेडियोधर्मी कणों को सूंघने में सक्षम

बता दें कि परमाणु खोजी विमान WC-135R को परमाणु मिशन के लिए ही बनाया गया है। यह विमान हवा में मौजूद परमाणु और रेडियोधर्मी कणों को सूंघने में सक्षम है। इस विमान को अभी तक तैनात करने की जरूरत नहीं पड़ी और इसे परमाणु हमला होने की स्थिति में ही तैनात किया जाता है। हालांकि इंजीनियर ब्रैंडन होली ने स्पष्ट किया है कि यह विमान की प्रशिक्षण उड़ान है, लेकिन इजरायल और ईरान में युद्ध के बीच अमेरिका का परमाणु खोजी विमान की टेस्टिंग करना बड़े संकेत दे रहा है। अमेरिका कोई बड़ा फैसला ले सकता है।

ईरान की न्यूक्लियर साइट पर हमला करेगा अमेरिका?

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान के खिलाफ बड़ा फैसला ले सकते हैं। वे कनाडा में चल रहा G7 समिट बीच में छोड़कर अमेरिका लौट आए हैं और उन्होंने सिचुएशन रूम में भी बनवा लिया है। इस रूम में वे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे सुलझाते हैं और अब वे इस रूम में इजरायल-ईरान के हालातों पर चर्चा करेंगे।

राष्ट्रपति ट्रंप इस बात पर विचार कर रहे हैं कि ईरान की फोर्डो-नतांज न्यूक्लियर साइट पर हमला किया जाए या नहीं। ईरान की यह न्यूक्लियर साइट जमीन के अंदर काफी गहराई में बनी है। अमेरिका अपने सबसे भारी बम ‘मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP)’ को B-2 बमवर्षक विमान गिराकर ईरान के इन दोनों परमाणु ठिकानों पर हमला कर सकता है।

वहीं अगर अमेरिका ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करता है तो वह ईरान के खिलाफ युद्ध में सीधे तौर पर शामिल हो जाएगा। बता दें कि अमेरिका ने ईरान के खिलाफ युद्ध में इजरायल का समर्थन किया है। G7 समिट छोड़कर जाने से पहले एक ट्वीट करके उन्होंने ईरान के लोगों को चेतावनी दी थी कि वे तेहरान को जितना जल्दी हो खाली कर दें।

First published on: Jun 17, 2025 09:57 AM

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