Israel Iran War Inside Story: इजरायल और ईरान में छिड़ी जंग से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। क्योंकि अगर हालात खराब हुए तो इजरायल का साथ देने के लिए अमेरिका को रणक्षेत्र में उतरना पड़ेगा। उधर ईरान के समर्थन में रूस और चीन खड़े हो सकते हैं। ईरान का सरेंडर नहीं करने को लेकर जिद़्दी रवैया देखकर अमेरिका भड़का हुआ है। अमेरिका ने ईरान पर हमला करने की पूरी तैयार भी कर ली है, लेकिन ईरान पर हमला करने का फाइनल ऑर्डर 15 दिन के लिए टाल दिया है। इस बीच चर्चा है कि इजरायल और ईरान की जंग में अमेरिका ऐसे बर्ताव कर रहा है, जैसे ईरान ने अमेरिका पर हमला किया हो। अमेरिका ने इजरायल को ईरान के खिलाफ हरसंभव मदद करने का वादा किया है, लेकिन आखिर क्यों? इजरायल को ईरान के खिलाफ जंग में अमेरिका की मदद क्यों चाहिए? आइए जानते हैं इसकी वजह…
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ईरान के भूमिगत परमाणु ठिकाने बड़ी वजह
12 जून 2025 से इजरायल ने ईरान के खिलाफ जंग छेड़ी हुई है। ईरान के परमाणु ठिकानों पर इजरायल लगातार मिसाइल अटैक कर रहा है, लेकिन ईरान का एक परमाणु ठिकाना फोर्डो अभी तक सेफ है, क्योंकि यह न्यूक्लियर साइट ऐसी जगह पर बनी है, जहां तक सिर्फ अमेरिका ही पहुंच सकता है। फोर्डो न्यूक्लियर साइट पहाड़ के अंदर करीब 300 फीट की गहराई में बनी हुई है। ईरान की इस न्यूक्लियर साइट पर हमला करने के लिए अमेरिका के पास GBU-57A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर है, जो दुनिया का सबसे बड़ा ‘बंकर बस्टर’ बम है। यह बम सिर्फ अमेरिका के पास है। इस बम का इस्तेमाल करके ही फोर्डो परमाणु ठिकाने को ध्वस्त किया जा सकता है। अगर इजरायल को इस ठिकाने को तबाह करना है तो उसे अमेरिका की मदद चाहिए।
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खामेनेई के बंकर को तबाह करना मुश्किल
इजरायल ने जब ईरान पर हमला किया तो ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई अपने परिवार के साथ बंकर में छिपकर बैठ गए। यह बंकर कहां है और इस बंकर तक पहुंचने का रास्ता सिर्फ अमेरिका तलाश सकता है। इजरायल पहले ही पूरी दुनिया को कह चुका है कि खामेनेई के खत्म होने से ही इजरायल और ईरान की जंग खत्म होगी। खामेनेई का हश्र सद्दाम हुसैन जैसा करने की धमकी दी गई है। अगर इजरायल ने युद्ध खत्म करने के लिए खामेनेई को खत्म करने का फैसला लिया तो इजरायल को अमेरिका की मदद चाहिए।
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बंकर बस्टर बम की खासियतें
अमेरिका का बंकर बस्टर बम 13600 किलोग्राम वजनी है और यह 200 फीट (61 मीटर) की गहराई तक जमीन के अंदर घुसने में सक्षम है। इस बम की लंबाई करीब 6.6 मीटर है। जमीन के अंदर जाने के बाद ही बम का फ्यूज खुद एक्टिवेट होता है और बम फट जाता है। यह बम इतना खतरनाक है कि एक बम पूरे फोर्डो परमाणु ठिकाने को ध्वस्त कर देगा। इस बम को B-2 एयरक्राफ्ट से गिराकर अटैक किया जा सकता है। यह प्लेन डिएगो गार्सिया में हिंद महासागर में अमेरिका-ब्रिटेन के जॉइंट आर्मी बेस पर तैनात कर दिया गया था। एक प्लेन एक बार में 2 बम गिरा सकता है।