रूस के कच्चे तेल के कारण भारत और अमेरिका के रिश्तों में बढ़ा तनाव अब कम होता हुआ नजर आ रहा है. अमेरिका ने भारत को बहुत बड़ी राहत दी है. मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका ने ईरान स्थित चाबहार पोर्ट परियोजना के लिए प्रतिबंधों से छूट की अवधि को बढ़ा दिया है. चाबहार पोर्ट पर अमेरिकी प्रतिबंधों से भारत को पूरे छह महीने की छूट मिली है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी.
चाबहार पोर्ट पर अमेरिकी छूट 27 अक्टूबर को खत्म हो गई थी. भारत ने 2024 से ईरान के साथ एक दशक के लिए चाबहार बंदरगाह के प्रबंधन का समझौता कर रखा है. भारत ने इसके विकास पर बहुत ज्यादा निवेश किया हुआ है.
रणधीर जायसवाल ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हम ट्रेड डील का फाइनल करने के लिए अमेरिका से बातचीत कर रहे हैं. दोनों ओर से बातचीत जारी है. किसी और अपडेट के बारे में जानकारी चाहिए तो इसके लिए वाणिज्य मंत्रालय से बात करनी होगी.’
भारत ने मई 2024 में ईरान के साथ 10 साल का समझौता किया था, जिसके तहत भारतीय पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) ने शाहिद बेहेश्ती टर्मिनल का संचालन अपने हाथ में लिया था. यह पहली बार था जब भारत ने किसी विदेशी बंदरगाह का प्रबंधन संभाला. इससे पहले 2016 का समझौता हर साल नवीनीकृत किया जाता रहा था.
चाबहार पोर्ट से मिली छूट से भारत को क्या फायदा?
बता दें कि अमेरिका द्वारा भारत को चाबहार पोर्ट पर मिली छूट से कई बड़े फायदे होंगे.
- जिसमें सबसे पहले तो अब भारत को अफगानिस्तान या दूसरे एशियाई देशों तक अपना सामान भेजने के लिए पाकिस्तान से होकर नहीं गुजरना पडे़गा.
- भारत अब ईरान के चाबहार पोर्ट से अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक अपना माल सीधा भेज सकेगा जिससे भारत का समय और पैसा दोनों बचेगा.
- भारत अब चाबहार पोर्ट के जरिए अपने सामान, दवाएं, फूड और इंडस्ट्रीय प्रोडक्ट आसानी से दूसरे देशों तक भेज सकेगा.
- इससे भारत का लॉजिस्टिक खर्च कम होगा और एक्सपोर्ट बढ़ेगा.
- अब भारत को ईरान से तेल खरीदने में आसानी होगी.
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