Iran Reaction on G7 Countries Statement: जी-7 में शामिल देशों ने ईरान के साथ न्यूक्लियर डील के लिए बातचीत फिर से शुरू करने की मांग की है। सभी 7 देशों ने फिर से अपने उसी बयान को दोहराया है कि ईरान के पास कभी भी परमाणु हथियार नहीं हो सकते और ईरान को यूरेनियम संवर्धन रोक देना चाहिए। इजरायल को अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है और उसके इस इरादे को समर्थन देते हैं। ईरान-इजरायल के बीच हुए युद्धविराम का भी समर्थन करते हैं, लेकिन सभी देशों से आग्रह भी करते हैं कि वे जंग जैसी कार्रवाई से बचें, लेकिन G7 देशों के इस बयान पर ईरान का पलटवार भी आया।
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ईरान यूरेनियम संवर्धन को बनाएगा अधिकार
ईरान ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि वह यूरेनियम संवर्धन नहीं रोकेगा। परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के तहत ईरान से अपना अधिकार बनाएगा। ऐसा अधिकार जो किसी भी स्थिति में छीना नहीं जा सकेगा और किसी को सौंपा भी नहीं जा सकेगा। यूनाइटेड नेशन्स में ईरान के राजदूत अमीर सईद इरावानी ने पुष्टि की है कि ईरान बाहरी दबाव होने के बावजूद यूरेनियम संवर्धन करना जारी रखेगा। ईरान के राजदूत ने यह भी कहा कि ईरान परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत करने के लिए तैयार है, लेकिन बिना शर्त बातचीत नहीं होगी। अभी बातचीत के लिए यही समय और सही स्थिति भी नहीं है, अनुरोध भी नहीं आया है।
25 जून को हुई थी सभी 7 देशों की अहम बैठक
बीते दिन G7 देशों ने एक जॉइंट स्टेटमेंट जारी किया, जिसमें सभी 7 देशों के विदेश मंत्रियों ने ईरान से आग्रह किया कि वह परमाणु समझौते के लिए फिर से बातचीत शुरू करे। जी-7 देश कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्रियों की एक बैठक 25 जून को हेग में हुई थी। बैठक में मध्य पूर्व में तनाव पर चर्चा की गई थी। इसके बाद 30 जून दिन सोमवार को जॉइंट स्टेटमेंट जारी किया गया। इसमें कहा गया कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम के लिए एक स्थायी और विश्वसनीय समाधान करे। इसके लिए, ईरान से आग्रह करते हैं कि वह अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ मिलकर काम करे। इजरायल के जंग जैसे हालात फिर से न बने, इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिएं।