ईरान ने एक साथ इजराइल और अमेरिका दोनों शक्तिशाली देशों को चेतावनी दी है। ईरान ने कहा है कि अगर इजराइल उसके परमाणु स्थलों पर हमला करता है तो वह इसके लिए अमेरिका को जिम्मेदार मानेगा। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची का यह बयान सीएनएन की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि इजराइल हमले की तैयारी कर रहा है। हालांकि, इजराइल ने किसी भी तैयारी की बात स्वीकार नहीं की है, लेकिन इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से लेकर उनके अधिकारियों ने बार-बार ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला करने की धमकी दी है ताकि यदि ईरान ऐसा करना भी चाहे तो उसे परमाणु हथियार बनाने से रोका जा सके।
ईरान के विदेश मंत्री ने क्या कहा?
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को लिखे एक पत्र में कहा है कि ‘ईरान इजराइल के जायोनी शासन द्वारा किसी भी दुस्साहस के खिलाफ कड़ी चेतावनी देता है और इस शासन द्वारा किसी भी खतरे या गैरकानूनी कृत्य का निर्णायक रूप से जवाब देगा।’ अराघची ने आगे कहा, ‘मैंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इजराइल की धमकियों के जारी रहने के खिलाफ प्रभावी निवारक उपाय करने का आह्वान किया है, यदि इन पर अंकुश नहीं लगाया गया तो ईरान को हमारी परमाणु सुविधाओं और सामग्रियों की रक्षा के लिए विशेष उपाय करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।’ अराघची ने कहा कि तेहरान ऐसे किसी भी हमले में वाशिंगटन को एक जिम्मेदार के रूप में देखेगा। उन्होंने कहा, ‘हमारी कार्रवाइयों की प्रकृति, विषय-वस्तु और सीमा इन अंतरराष्ट्रीय निकायों द्वारा अपने वैधानिक कर्तव्यों और दायित्वों के अनुसार उठाए गए निवारक उपायों के अनुरूप और आनुपातिक होगी।’ अराघची की टिप्पणी मंगलवार को सीएनएन की एक रिपोर्ट के बाद आई है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिका के पास ‘नई खुफिया जानकारी है, जिससे पता चलता है कि इजराइल ईरानी परमाणु सुविधाओं पर हमला करने की तैयारी कर रहा है।’
ईरान-अमेरिका के बीच पांचवें दौर की परमाणु वार्ता
इजराइल के सबसे करीबी सहयोगी अमेरिका शुक्रवार (23 मई ) को ईरान के साथ पांचवें दौर की परमाणु वार्ता करने वाला है, जबकि ईरान में यूरेनियम संवर्धन पर गहरी असहमति है, जिसके बारे में वाशिंगटन का कहना है कि इससे परमाणु बम विकसित हो सकते हैं। हालांकि, तेहरान ने लगातार बम बनाने की बात से इनकार किया है और इस बात पर जोर दिया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम नागरिक उद्देश्यों के लिए है। अमेरिका और ईरान के बीच शुक्रवार को रोम में अप्रत्यक्ष वार्ता होने वाली है, जो संभावित समझौते पर उनकी पांचवीं दौर की वार्ता होगी, जिसके तहत तेहरान आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले में यूरेनियम के संवर्धन को सीमित या समाप्त कर सकता है। इजराइल ने बार-बार अमेरिका और ईरान के बीच ऐसे समझौते का विरोध किया है।
आईआरजीसी ने दी चेतावनी
इसके अलावा ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने चेतावनी दी है कि अगर इजराइल ने ईरान पर हमला किया तो उसे ‘विनाशकारी और निर्णायक जवाब’ मिलेगा। गौरतलब है कि आईआरजीसी सीधे सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को रिपोर्ट करता है। ऐसे में उसकी चेतावनी को अयातुल्ला अली खामेनेई की सहमति से जोड़ कर देखा जा रहा है। सरकारी मीडिया ने आईआरजीसी के प्रवक्ता अलीमोहम्मद नैनी के हवाले से कहा, ‘वे हमें युद्ध से डराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे गलत अनुमान लगा रहे हैं, क्योंकि वे इस बात से अनजान हैं कि इस्लामिक गणराज्य युद्ध की स्थिति में कितना शक्तिशाली लोकप्रिय और सैन्य समर्थन जुटा सकता है।’ इससे पहले मंगलवार को खामेनेई ने कहा था कि अमेरिका की यह मांग कि तेहरान यूरेनियम संवर्धन बंद करे बहुत बड़ी और अपमानजनक है।