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भारत पर टैरिफ लगाए जाने पर भड़के अमेरिका के पूर्व NSA, डोनाल्ड ट्रंप को दी चेतावनी

भारत पर 50% टैरिफ लगाने के डोनाल्ड ट्रंप के फैसले ने भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ा दिया है। ट्रंप इसे रूस के साथ भारत के तेल व्यापार से जोड़ते हैं, जबकि कुछ जानकारों का मानना है कि यह भारत द्वारा पाकिस्तान मसले पर मध्यस्थता न स्वीकारने की सजा है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इससे भारत अब चीन के करीब आ रहा है और अमेरिका की वैश्विक विश्वसनीयता कमजोर हो रही है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Avinash Tiwari Updated: Aug 30, 2025 11:06
US President Ex NSA
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने ट्रंप को दी चेतावनी (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

टैरिफ को लेकर भारत-अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है। दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आ गई है, जिसकी चर्चा अमेरिका और भारत दोनों जगह हो रही है। एक तरफ जहां भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के पीछे ट्रंप रूस के साथ चल रहे कारोबार को जिम्मेदार ठहराते हैं, तो वहीं कुछ का कहना है कि भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान मध्यस्थता स्वीकार न किए जाने से वे बेहद नाराज थे, इसीलिए यह टैरिफ लगाया गया। लेकिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने ट्रंप को इस मामले को लेकर चेतावनी दी है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार में पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भारत पर 50% टैरिफ के डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की आलोचना की है और कहा है कि ट्रंप द्वारा शुरू किया गया यह व्यापारिक टकराव भारत को चीन के और करीब ले गया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सहयोगी सहित दुनिया के कई देश अब अमेरिका को एक नष्ट करने वाले और अविश्वसनीय देश के रूप में देख रहे हैं।

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जेक सुलिवन ने कहा, “जब मैं अब इन देशों में जाता हूं और नेताओं से बात करता हूं, तो वे अमेरिका से जोखिम कम करने की बात करते हैं। वे अब अमेरिका को एक ऐसे देश के रूप में देखते हैं जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता।”

उन्होंने यह भी कहा कि चीन खुद को वैश्विक मंच पर एक जिम्मेदार देश के रूप में पेश कर रहा है। कई देशों में चीन अब लोकप्रियता के मामले में अमेरिका से आगे निकल गया है। एक साल पहले ऐसा नहीं था। अब यह कहा जा रहा है कि “अमेरिकी ब्रांड खत्म हो गया है।”

उन्होंने कहा, “उदाहरण के तौर पर भारत को ही लीजिए। यह एक ऐसा देश है जिसके साथ हम द्विपक्षीय, गहरे और टिकाऊ रिश्ते बनाने की कोशिश कर रहे थे। अब राष्ट्रपति ट्रंप उनके खिलाफ बड़ा व्यावसायिक अभियान चला रहे हैं। ऐसे में भारतीयों का कहना है कि वे चीन के साथ रहेंगे, क्योंकि अमेरिका के मुकाबले चीन एक सुरक्षा कवच की तरह है।”

यह भी पढ़ें : अमेरिकी कोर्ट के फैसले का भारत पर क्या पड़ेगा असर? अदालत ने ट्रंप के टैरिफ को बताया है गैरकानूनी

वहीं अमेरिका के जिम्मेदार अधिकारियों और खुद राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि रूस-यूक्रेन में युद्ध चल रहा है, जिसे रोकने की कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन भारत रूस के साथ बड़े पैमाने पर तेल का कारोबार कर रहा है, जिससे रूस की आर्थिक स्थिति टिक रही है। इसी को वजह बताते हुए अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ जुर्माने के तौर पर लगाया है।

First published on: Aug 30, 2025 11:05 AM

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