US-Turkey Weapon Deal: भारत-पाकिस्तान तनाव के चलते तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया। तुर्की ने सैकड़ों ड्रोन और मिलिट्री ऑपरेटिव भेजकर पाकिस्तान की मदद की। जिससे भारत में तुर्की के खिलाफ गुस्सा देखने को मिला है। बता दें कि अमेरिका ने तुर्की को संभावित विदेशी सैन्य बिक्री(FMS) के तहत AIM-120C-8 एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल और संबंधित सैन्य उपकरण बेचने की मंजूरी दी है। इस सौदे की अनुमानित कीमत 22.5 करोड़ डॉलर(लगभग 1875 करोड़ रुपए) बताई जा रही है। यह भारत के लिए खतरे की घंटी है, क्योंकि पाकिस्तान AMRAAM का इस्तेमाल उसके खिलाफ कर चुका है।
22.5 करोड़ डॉलर का हुआ सौदा
सूत्रों के मुताबिक बताया गया है कि भारत सरकार इस फैसले से बेहद चिंतित है, क्योंकि 2019 में पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैन्य ठिकानों पर किए गए असफल हवाई हमले में इन्हीं अमेरिकी F-16 विमानों और AMRAAM मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया था। भारत में अमेरिका को इसका पुख्ता सबूत भी सौंपा था, कि पाकिस्तान ने AMRAAM मिसाइलों का उपयोग किया। जो सिर्फ F-16 विमानों से ही दागी जा सकती है और पाकिस्तान के पास इस श्रेणी का कोई अन्य लड़ाकू विमान नहीं है। तुर्की और अमेरिका के बीच सौदे की अनुमानित कीमत 22.5 करोड़ डॉलर(लगभग 1875 करोड़ रुपए) बताई जा रही है।
अमेरिका और तुर्की के बीच नाटो सहयोग
अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी(DSCA) ने गुरुवार को बयान में बताया कि तुर्की ने 53 AIM-120C-8 AMRAAM मिसाइलों और 6 गाइडेंस सेक्शन की खरीद का अनुरोध किया है। प्रस्तावित पैकेज में मिसाइल, कंटेनर, कीमत म्युनिशन बिल्ट-इन-टेस्ट रीप्रोग्रामिंग उपकरण स्पेयर पार्ट्स, गोपनीय सॉफ्टवेयर, दस्तावेज और लॉजिस्टिक सपोर्ट भी शामिल है। बता दें कि DSCA ने कहा कि यह सौदा अमेरिकी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है, जिससे एक अहम NATO सहयोगी की रक्षा क्षमता मजबूत होगी। जो यूरोप में स्थायित्व बनाए रखने में भूमिका निभाता है।
DSCA ने क्या कहा?
बता दें कि बयान में कहा गया है, कि यह प्रस्तावित बिक्री तुर्की को जबरदस्त हवाई रक्षा क्षमता प्रदान करेगी, जिससे वह अपने देश और वहां तैनात अमेरिकी सैनिकों की रक्षा कर सकेगा। DSCA ने यह भी कहा कि तुर्की को इस सैन्य सामग्री और सेवाओं को अपने सशस्त्र बलों में शामिल करने में कठिनाई नहीं होगी। अमेरिका की कांग्रेस को इस संभावित सौदे की औपचारिक जानकारी भी दी जा चुकी है। ऐसा करना FMS नियमों के तहत जरूरी होता है।