थाईलैंड-कंबोडिया बॉर्डर पर विवादित इलाके में भगवान विष्णु की प्राचीन प्रतिमा को थाई सेना ने बुलडोजर से गिरा दिया, जिसके वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया. भारत ने इस घटना पर कड़ा ऐतराज जताते हुए विदेश मंत्रालय से आधिकारिक बयान जारी किया, इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह साझा सांस्कृतिक विरासत पर सीधा हमला है. प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हिंदू-बौद्ध देवताओं का सम्मान दक्षिण-पूर्व एशिया की साझा पहचान है, और क्षेत्रीय दावों के नाम पर ऐसी अपमानजनक हरकतें धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाती हैं.
मंत्रालय ने दोनों देशों से कूटनीति और बातचीत की राह अपनाने का आग्रह किया, ताकि जीवन, संपत्ति और सांस्कृतिक धरोहर को नुकसान न पहुंचे. जायसवाल ने जोर देकर कहा कि बिना हिंसा के समाधान निकालना जरूरी है, क्योंकि धार्मिक सम्मान के बिना स्थायी शांति मुमकिन नहीं. थाईलैंड ने सफाई देते हुए दावा किया कि कंबोडिया ने जानबूझकर विवादित जोन में मूर्ति स्थापित की थी, लेकिन भारत ने इसे सिरे से खारिज करते हुए सभ्यता के मूल्यों की दुहाई दी.
यह घटना दक्षिण-पूर्व एशिया में प्राचीन हिंदू सभ्यता के अवशेषों पर बढ़ते खतरों को उजागर करती है, जहां सीमा विवाद अक्सर सांस्कृतिक हमलों का रूप ले लेते हैं. हिंदू समुदायों में गुस्सा भड़क रहा है, और भारत की प्रतिक्रिया ने साफ संदेश दिया है कि सांस्कृतिक विरासत की रक्षा वैश्विक सद्भाव के लिए अनिवार्य है. अब दोनों पक्षों की अगली चालें तय करेंगी कि यह तनाव कैसे बढ़ता या शांत होता है.
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