Hamas Ready for Direct Talks With US: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिन पहले फिलीस्तीनी आतंकी समूह हमास को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा था कि बंधकों और शवों को तुरंत रिहा करो, वरना कोई भी जिंदा नहीं बचेगा। इसके बाद हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी मुशीर अल-मसरी (Mushir al-Masri) ने डोनाल्ड ट्रंप पर गाजा में बंधकों की रिहाई के मामले में ‘जबरदस्त दोहरे मानदंड’ अपनाने का आरोप लगाया है। अल-मसरी का यह बयान व्हाइट हाउस द्वारा बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हमास के साथ सीधी बातचीत की पुष्टि के बाद आई है, जो अमेरिकी नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।
बातचीत का उद्देश्य क्षेत्र में स्थिरता कायम करना
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अल-मसरी ने कहा कि हमास और अमेरिका के बीच बातचीत का उद्देश्य क्षेत्र में स्थिरता कायम करना है। हालांकि, गाजा युद्धविराम को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है, क्योंकि इजरायल हमास पर युद्धविराम बढ़ाने के लिए दबाव बना रहा है और हमास को दी जाने वाली सहायता पर रोक लगा दी है। इजराइल ने 7 अक्टूबर के आतंकवादी हमले के बाद हमास के साथ सीधी बातचीत करने से इनकार कर दिया है और समूह को खत्म करने को लेकर प्रतिबद्ध है।
बातचीत से पहले बंधक मुद्दे को हल करना चाहता है हमास
अल-मसरी ने इस बात पर जोर दिया कि हमास युद्धविराम के दूसरे चरण पर बातचीत से पहले बंधक मुद्दे को हल करना चाहता है। इसमें लड़ाई के स्थायी अंत के बदले में बचे हुए जीवित बंधकों की रिहाई शामिल होगी। फिलहाल यह माना जा रहा है कि केवल एक जीवित अमेरिकी बंधक एडन अलेक्जेंडर (Edan Alexander) गाजा में बचा हुआ है, साथ ही 4 मृत अमेरिकी और कम से कम 12 अमेरिकी-इजरायली बंदी भी हैं। इसी बीच अल-मसरी ने ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने इजरायली कैदियों पर ध्यान केंद्रित किया जबकि इजरायली जेलों में बंद लगभग 10,000 फिलिस्तीनी बंदियों को नजरअंदाज कर दिया। मसरी ने अमेरिकी प्रशासन पर इजरायल के प्रति पक्षपात करने का भी आरोप लगाया है।
हमास अमेरिकी मांगों को ठुकराता है तो सैन्य कार्रवाई संभव
बता दें कि बातचीत की पेशकश के बावजूद, ट्रंप लगातार हमास को धमकी दे रहे हैं। ट्रंप ने फिलीस्तीनी आतंकी समूह हमास को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा था कि बंधकों और शवों को तुरंत रिहा करो, वरना कोई भी जिंदा नहीं बचेगा। ट्रंप की यह प्रतिक्रिया सोशल मीडिया ट्रुथ पर सामने आई थी। इससे पहले उन्होंने हमास समूह के साथ सीधी बातचीत की इच्छा जताई थी। वहीं, मध्य पूर्व (Middle East) के अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ (Steve Witkoff) ने संकेत दिया कि अगर हमास अमेरिकी मांगों का पालन करने से इनकार करता है, तो गाजा में अमेरिकी सैन्य कार्रवाई संभव है।
अल-मसरी ने ट्रंप प्रशासन से की ये अपील
अल-मसरी ने ट्रंप प्रशासन से तटस्थ रहने और इजरायल के समर्थन में बाइडेन प्रशासन की तरह व्यवहार करने से बचने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धमकियां और धमकी प्रभावी नहीं होंगी और गाजा के लोगों को जबरन विस्थापित करने के प्रयास निरर्थक होंगे।
गाजा को लेकर ट्रंप की योजना की आलोचना
बता दें कि गाजा पर कब्जा करने और उसे मिडिल ईस्ट का रिवेरा बनाने की ट्रंप की योजना की व्यापक आलोचना हुई है। इस योजना के तहत लगभग 20 लाख फिलिस्तीनियों को हटाना होगा, जिसकी निंदा जातिय संहार के रूप में की गई है। अरब लीग ने एक अल्टरनेटिव प्लान के प्रस्ताव दिया है, जिसमें गाजा पर शासन करने और फिलिस्तीनी प्राधिकरण की वापसी की तैयारी के लिए एक अंतरिम समिति बनाना शामिल है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर बारीकी से नजर रख रहा है और इसका क्षेत्र की स्थिरता और इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।