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Gen-Z नेता सुशीला कार्की के नेपाल की अंतरिम PM बनने में क्या पेंच? कुलमन घीसिंग का नाम आगे क्यों

Gen Z leader Sushila Karki Inside Story: नेपाल की पूर्व सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस Sushila Karki को अंतरिम सरकार की मुखिया बनाने की संभावना को लेकर बहस तेज हो गई थी, लेकिन सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाए जाने में संवैधानिक अवरोध आ रहा है। नेपाल के संविधान का आर्टिकल 132 कहता है कि जो न्यायमूर्ति रह चुके वे देश में कोई और पद नहीं ले सकते।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Vijay Jain Updated: Sep 11, 2025 19:44
Sushila Karki kulman ghesing

Gen Z leader Sushila Karki Inside Story: नेपाल की पूर्व सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाए जाने में संवैधानिक अवरोध आ रहा है. नेपाल के संविधान का आर्टिकल 132 कहता है कि जो न्यायमूर्ति रह चुके वे देश में कोई और पद नहीं ले सकते. इस अवरोध को विशेष हालात में तोड़ने की व्यवस्था संविधान में नहीं है. लोकशाही समर्थकों का कहना है कि बहुत मुश्किलों के बाद बने संविधान की अवहेलना नहीं हो सकती. अंतरिम प्रधानमंत्री सदन का सदस्य ही बन सकता है – कोई बाहरी नहीं. लिहाज़ा kulman ghesing का नाम चर्चा में है. इससे पहले सुबह से Sushila Karki को अंतरिम सरकार की मुखिया बनाने की संभावना को लेकर बहस तेज हो गई थी.

यह भी पढ़ें: Gen Z Defination: कौन हैं जेन Z? जिन्होंने नेपाल में पलटी सत्ता, 124 साल में कैसे बदली जेनरेशन

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Gen Z ने खुलकर किया था सुशीला कार्की को सपोर्ट

सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार की मुखिया बनाने को लेकर Balen Shah सहित बड़ी संख्या में Gen Z युवाओं ने उनके नाम का समर्थन किया है, लेकिन ये भी इंगित किया जा रहा है कि मौजूदा संविधान के तहत उन्हें देश का नया मुखिया बनाए जाने की व्यवस्था नहीं है. गौरतलब है कि Sushila Karki ने BHU से पढ़ाई की है और माना जा रहा है कि वे भारत के साथ रिश्तों को संतुलित करने में सक्षम होंगी. हालांकि, यही वजह है कि आंदोलन में जो भारत से दूरी बनाकर रखने की नीति वाले लोग हैं वो उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ मुखर हैं.

यह भी पढ़ें: कौन हैं कुलमन घिसिंग? Gen-Z ग्रुप ने अंतरिम पीएम के लिए आगे किया नाम

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सुशीला कार्की के पति नेपाली कांग्रेस के नेता

Sushila Karki के पक्ष में एक और बात नहीं है और वो है कि उनके पति Nepali Congress के सदस्य और नेता रहे हैं, लेकिन ये भी सच है कि अभी सबसे ज्यादा उन्हीं के नाम के आसपास है. विभिन्न संकटों से जूझ रहे नेपाल में अब लोगों की नजर राष्ट्रपति Ramchandra Paudel पर है और आम जनता उनसे वर्तमान हालात पर सार्वजनिक बयान देने की मांग कर रही है. इससे पहले नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को गुरुवार को कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच नेपाल आर्मी मुख्यालय ले जाया गया था, वहां GenZ प्रतिनिधियों, नेपाल आर्मी प्रमुख और राष्ट्रपति के बीच बातचीत के बाद Karki को देश के अंतरिम नेता के तौर पर घोषित किया जाना था, लेकिन आखिर मौके पर नेपाली संविधान की धारा 132 सामने आ गई.

पहले से सुशीला कार्की की राह नहीं थी आसान

सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे आगे माना जा रहा था. हालांकि, जेन-जी की पसंद और कई नामों पर भी टिकी है लेकिन सवाल यही है कि क्या केवल युवाओं की ताकत सत्ता तक पहुंचने के लिए काफी होगी? नेपाल के संविधान के मुताबिक, वहां अंतरिम सरकार बनाने के लिए राष्ट्रपति की स्वीकृति और मुख्य राजनीतिक दलों की सहमति जरूरी है. ऐसे में कार्की के लिए राह आसान नहीं थी. घंटों बैठकों के बाद जेनजी ने सुशीला कार्की को अपना नेता चुना था. सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं.  

वकालत से सुप्रीम जज तक ऐसा रहा सफर

सुशीला कार्की अपने 7 भाई बहन में सबसे बड़ी हैं. साल 1972 में कार्की ने महेंद्र मोरंग परिसर विराटनगर से बीए कर उन्होंने भारत आकर बीएचयू से 1975 में राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. साल 1978 में नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। कार्की ने दुर्गा प्रसाद सुबेदी से शादी की थी. कार्की के पति दुर्गा सुबेदी उस समय नेपाली कांग्रेस के लोकप्रिय युवा नेता थे.
साल 1979 में कार्की ने अपने गृहनगर विराटनगर से वकालत शुरू की थी. कार्की साल 1985 में महेंद्र मल्टीपल कैंपस, धरान में सहायक शिक्षिका रहीं. साल 2007 में कार्की वरिष्ठ अधिवक्ता बन गईं. 22 जनवरी 2009 को कार्की को सुप्रीम कोर्ट में एड-हॉक जस्टिस नियुक्त किया गया. 2010 को स्थायी जस्टिस नियुक्त किया गया. 2016 में नेपाल सुप्रीम कोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला. 2017 तक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहीं.

सुशीला के अलावा कुलमन घीसिंग का नाम चर्चा में

नेपाल में चल रहे जेन-जी प्रदर्शन में युवाओं की पहली पसंद काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह को माना जा रहा था लेकिन उन्होंने ट्वीट कर अपना समर्थन भी सुशीला को दिया है. सुशीला कार्की को पीएम पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था. उनके नाम की मंजूरी के लिए 1000 लिखित पत्र मांगे गए थे जबकि 2500 से ज्यादा लोगों का समर्थन उन्हें मिला. काठमांडू के बालेंद्र शाह के नाम के अलावा कुलमन घीसिंग, सागर ढकाल और हरका संपांग जैसे नामों की दावेदारी भी बताई जा रही है. अंतरिम प्रधानमंत्री सदन का सदस्य ही बन सकता है – कोई बाहरी नहीं। लिहाज़ा kulman ghesing का नाम चर्चा में है.

First published on: Sep 11, 2025 06:19 PM

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