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फ्रांस के पीएम को देना होगा इस्तीफा, अविश्वास प्रस्ताव हारे, गहराएगा राजनीतिक संकट

France PM Resigns: फ्रांस में पीएम बायरू ने घाटे में कटौती की अपनी रणनीति के लिए समर्थन हासिल करने के लिए विश्वास मत हासिल किया था, जो यूरोपीय संघ की 3 प्रतिशत की सीमा से लगभग दोगुना हो गया है। अब फ्रांस का कर्ज भी काफी बढ़ गया है।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Sep 9, 2025 09:20

France PM Resigns: फ्रांस में सोमवार को राजनीतिक संकट गहरा गया है। यहां संसद ने राष्ट्रीय ऋण पर नियंत्रण के लिए अविश्विास प्रस्ताव पत्र का सहारा लिया था। इससे फ्रांस के घाटे को कम किया जाने का दावा किया गया था। मगर पीएम फ्रांस्वा बेरो की सरकार इस विश्वाास पत्र को हासिल करने में सफल नहीं रह पाई। इस फैसले के बाद राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को अब 2 साल से भी कम समय में पांचवें प्रधानमंत्री की तलाश करनी होगी।

बढ़ा फ्रांस का कर्ज

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि 74 वर्षीय फ्रांस्वा बायरू, जो सिर्फ नौ महीने पहले पद पर बैठे थे, मंगलवार सुबह अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप देंगे। बायरू ने घाटे में कटौती की अपनी योजना को मंजूरी दिलाने के लिए संसद में विश्वास मत पेश किया था। फ्रांस का बजट घाटा यूरोपीय संघ की तय सीमा 3% से लगभग दोगुना हो चुका है। वहीं, देश का कर्ज भी बढ़कर जीडीपी का करीब 114% पहुंच गया है।

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विपक्ष के विरोध से बायरू को देना होगा इस्तीफा

दरअसल, प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू की 44 अरब यूरो की बचत योजना खारिज होने से उनकी सरकार गिर गई। बायरू का कहना था कि यह कदम देश की बिगड़ती वित्तीय हालत सुधारने के लिए जरूरी है, लेकिन विपक्ष ने चुनावी राजनीति को देखते हुए उनका साथ नहीं दिया। इसका नतीजा ये रहा कि फ्रांस में राजनीतिक संकट और गहरा गया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबितक, मतदान से पहले बायरू ने सांसदों को चेतावनी दी थी, ‘आपके पास सरकार गिराने की ताकत है, लेकिन सच्चाई बदलने की ताकत नहीं। खर्च लगातार बढ़ते रहेंगे और पहले से ही मौजूद कर्ज और भी ज्यादा बोझिल और महंगा होता जाएगा।’

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नया नेता चुनना आसान नहीं

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों किसी ऐसे नेता की तलाश कर रहे हैं, जो विभाजित दलों के बीच एकजुटता ला सके। पिछले कुछ समय में फ्रांस का क्रेडिट रेट डाउन हुआ है और यूरोपीय संघ ने घाटे को कम करने के लिए उचित कदम उठाने की सलाह दी थी। नया नेता चुनना मुश्किल होगा क्योंकि संसद में कोई दल पूर्ण बहुमत में नहीं है। वहीं, फ्रांस की जनता भी बढ़े हुए कर्ज के चलते परेशान है।

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First published on: Sep 09, 2025 08:36 AM

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