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‘भारत की तरक्की से डरा हुआ अमेरिका, ट्रंप की व्यक्तिगत नाराजगी’, पूर्व रॉ प्रमुख का चौंकाने वाला बयान

पूर्व रॉ प्रमुख विक्रम सूद ने ANI को दिए इंटरव्यू में खुलासा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत द्वारा डोनाल्ड ट्रंप को युद्धविराम का श्रेय न देने पर अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में मजबूती आई. सूद के अनुसार, यह ट्रंप की निजी नाराज़गी थी, जिससे अमेरिका की भारत के प्रति नीतियां प्रभावित हुईं. उन्होंने डीप स्टेट की भूमिका को भी रेखांकित किया, जो भारत की आर्थिक प्रगति में बाधा बन रही है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Avinash Tiwari Updated: Oct 2, 2025 12:18
Ex RAW Chief Vikram Sood
Ex RAW Chief Vikram Sood

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर किया, जिसमें पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकाने नष्ट कर दिए गए. इसके बाद दोनों देश युद्ध के मुहाने पर आ खड़े हुए थे. हालांकि पाकिस्तान ने युद्ध विराम की घोषणा कर दी. इसको लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है कि उन्होंने ही युद्ध रुकवाया है. हालांकि भारत ने इससे हमेशा इनकार किया है. इसके बाद ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाया और कई ऐसे कदम उठाए, जिसका सीधा असर भारत या भारतीयों पर पड़ा. अमेरिकी राष्ट्रपति को लेकर पूर्व रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) प्रमुख विक्रम सूद ने बड़ा बयान दिया है.

ट्रंप को लेकर क्या बोले पूर्व रॉ प्रमुख विक्रम सूद?

ANI को दिए एक इंटरव्यू में पूर्व रॉ प्रमुख विक्रम सूद ने कहा कि अमेरिका-पाकिस्तान संबंध हाल ही में मजबूत हुए हैं क्योंकि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान संघर्ष विराम में अपनी भूमिका के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे का खंडन किया है. पूर्व रॉ प्रमुख ने अमेरिका में डीप स्टेट की भूमिका पर जोर दिया, जो भारत की आर्थिक प्रगति में बाधा बन रहा है.

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विक्रम सूद ने कहा, “यह (अमेरिका-पाकिस्तान संबंध) ट्रंप की निजी नाराज़गी से शुरू हुआ, जब हमने डोनाल्ड ट्रंप को तथाकथित ‘युद्धविराम’ का श्रेय देने से इनकार कर दिया. इसके बाद पाकिस्तानी डोनाल्ड ट्रंप के सामने घुटनों के बल बैठ गए और बोले, ‘शुक्रिया, मेरे प्रभु. आप नोबेल पुरस्कार के योग्य हैं.'”

अमेरिका नहीं चाहता भारत करे तरक्की

उन्होंने कहा कि डीप स्टेट यही तो कर रहा है. वे नहीं चाहते कि भारत आर्थिक रूप से तरक्की करे. अमेरिका भारत की आर्थिक वृद्धि से भयभीत है, क्योंकि भारत और चीन अब दो बड़ी आर्थिक शक्तियां हैं. उन्होंने कहा कि इसका कोई राष्ट्रवादी हित नहीं है क्योंकि जब भी हम राष्ट्रवाद की बात करते हैं, वे इसे हिंदू राष्ट्रवाद बना देते हैं. डर यह है कि चीन में एक बड़ी आर्थिक शक्ति है और उन्होंने चीन से सबक सीख लिया है.

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क्या होता है डीप स्टेट?

डीप स्टेट को लेकर विक्रम सूद ने कहा, “इस शब्द का पहली बार इस्तेमाल तुर्की में हुआ था, जहां खुफिया, सैन्य और सेना प्रमुख एक कार दुर्घटना में मारे गए थे. उनके साथ ड्रग डीलर भी था, जिसके पास सारा पैसा, ड्रग्स और हथियार थे. डीप स्टेट इसी तरह काम करता है.” उन्होंने कहा कि डीप स्टेट का अर्थ विकसित हो गया है और अब इसमें कॉरपोरेट, सैन्य खुफिया विभाग और अन्य शक्तिशाली वर्ग के लोग शामिल हैं. दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने एएनआई को बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप डीप स्टेट का हिस्सा नहीं हैं.

First published on: Oct 02, 2025 12:18 PM

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