पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद के बारे में दुनिया को बताने के लिए अलग-अलग देशों में भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गए हुए हैं। रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल बेल्जियम की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद जर्मनी पहुंचा। यहां प्रतिनिधिमंडल ने जर्मनी के संघीय विदेश मंत्री जोहान वेडफुल से भी मुलाकात की। इस बीच भारत के पूर्व उप NSA (नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर) पंकज सरन ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की।
साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को वहां से चलने वाले आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी कहा है। इस दौरान उन्होंने भारत के प्रतिनिधिमंडल की जर्मनी यात्रा की भी सराहना की। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल के काम और भारत को पहलगाम आतंकी हमले पर जर्मनी से मिले मजबूत समर्थन की सराहना की।
“Terrorism not going to pay you any dividends”: Former Deputy NSA slams Pakistan
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जर्मनी और भारत का रिश्ता
पूर्व उप NSA पंकज सरन ने ANI से बात करते हुए कहा कि अगर यूरोप में कोई देश ऐसा है जिसके साथ भारत का रिश्ता सच में बढ़ रहा है, तो वह देश जर्मनी ही है। इस बात को जर्मन भी समझता है और भारत भी समझता है। 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकारी स्तर पर कई बार बातचीत हुई। इस दौरान जर्मनी की तरफ से बहुत जल्दी और सकारात्मक बयान थे। इसलिए जर्मनी के साथ भारत के अच्छे संबंध बन रहे हैं।
आतंकवाद की फंडिंग पर रोक
इस दौरान उन्होंने जर्मनी के साथ पाकिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद की समस्या से निपटने के तरीके पर हुई चर्चा के बारे में बात करते हुए पंकज सरन ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने जर्मनी को सुझाव देते हुए कुछ बातों को हाइलाइट किया। इसमें आतंकवाद की फंडिंग पर गौर करना, डिप्लोमेटिक स्टेप पर गौर करना, आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, एफएटीएफ और जीएसपी प्लस यूरोप की भूमिका पर गौर करना शामिल है। इन सभी बातों पर जर्मनी को एक खास भूमिका निभानी है।
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आतंकवाद पर पाकिस्तान को नसीहत
उन्होंने आगे कहा कि जर्मनी हमारे (भारत) संदेश को समझ गया है कि भारत उनसे क्या चाहता है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के लिए एक बहुत ही साफ संदेश है कि आप जानते हैं कि आतंकवाद से आपको कोई लाभ नहीं होने वाला है। इसलिए आपको इसे रोकना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ शब्द पर्याप्त नहीं हैं। उस पर काम भी बहुत जरूरी है। झूठे वादे करने के दिन खत्म हो गए हैं। अब पाकिस्तान को आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने और उसे देखने की जरूरत है।