Female Employee Wins 37 lakh Payout On Boss Menopause Comment: स्काॅटलैंड में एक बाॅस को महिला के मासिक धर्म पर टिप्पणी करना महंगा पड़ गया। महिला ने अपने बाॅस के खिलाफ इस संबंध में मामला दर्ज करवाया था। सुनवाई के बाद अदालत ने महिला के बाॅस को दोषी मानते हुए क्षतिपूर्ति के रूप में 37 लाख रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया।
यह है मामला
कैरेन फ्रैकर्सन नामक महिला ने साल 1995 से स्काॅटलैंड के एर्डेनशायर के पीटरहैड इलाके में थिसल मरीन नामक इंजीनियरिंग फर्म में काम करती थी। महिला का आरोप था कि उनके बाॅस ने मासिक धर्म को लेकर बहाना बनाने की टिप्पणी की थी। इतना ही नहीं उसके बाॅस ने उसे नौकरी छोड़ने को कहा। महिला ने बताया कि दिसंबर 2022 में उसने 2 दिनोें तक घर से ही काम किया। इसकी वजह भारी बर्फबारी और मासिक धर्म था।
महिला ने बाॅस को बताया डायनासोर
महिला कर्मचारी ने बताया कि 2 दिन की छुट्टी के बाद जब वह ऑफिस गई तो कंपनी के एमडी जिम क्लार्क ने मासिक धर्म और उसकी मेडिकल समस्या को मानने से इंकार कर दिया। क्लार्क ने इसके लिए तर्क दिया कि इससे दर्द और दिक्कत होती है। नाराज होकर महिला ने अपने बाॅस पर मुकदमा कर दिया। महिला ने बताया कि कंपनी ने उसका उत्पीड़न किया। उसने अपने बाॅस को डायनासोर तक बता दिया।
27 साल तक कूड़े की तरह व्यवहार किया
40 वर्षीय महिला कर्मचारी ने अदालत में दी अपनी याचिका में बताया कि 27 सालों तक कंपनी ने उससे कूड़े की तरह व्यवहार किया। महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया कि उसके बाॅस का कंपनी की अन्य महिला कर्मचारियों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार है। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जिम क्लार्क ने अपनी जिंदगी में बहुत कुछ हासिल किया है। लेकिन उनमें अपनी महिला कर्मचारियों के लिए कोई संवेदना नहीं है। इसके बाद अदालत ने कंपनी को 37 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया।
(Xanax)
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