FATTAH: ईरान ने अपनी पहली हाइपरसोनिक मिसाइल को दुनिया के सामने लॉन्च कर दिया है। इस मिसाइल की रफ्तार आवाज से 15 गुना ज्यादा है। दावा किया जा रहा है कि यह मिसाइल रक्षा प्रणालियों को भेद सकती है। मिसाइल का नाम फतेह (Fatteh) है। मंगलवार को राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के वरिष्ठ कमांडरों की मौजूदगी में इसका अनावरण किया गया। यह पूरी तरह मेड इन ईरान है।
पश्चिमी देशों और इजराइल ने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम पर चिंता जताई है। इजराइल ने कहा कि बैलिस्टिक मिसाइलों का संभावित रूप से परमाणु हथियार ले जाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। हालांकि ईरान ने इन संभावनाओं से इंकार किया है।
सर्वोच्च नेता ने दिया मिसाइल को नाम
- मिसाइल की गति सीमा 15 मच (5,145 मीटर या 16,880 फीट प्रति सेकंड) है। यह इसकी मारक क्षमता 1400 किमी की है।
- ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई ने इसे फतेह नाम दिया है।
- हाइपरसोनिक मिसाइलें ध्वनि की गति से पांच गुना या अधिक गति से चलती हैं। फतेह राडार पर भी पकड़ में नहीं आएगी।
- फतह को किसी अन्य मिसाइल द्वारा नष्ट नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह अलग-अलग दिशाओं और अलग-अलग ऊंचाई पर चलती है।
#BREAKING: #Iran unveiled on Tuesday a hypersonic missile named Fattah which it claims is capable of traveling at 15 times the speed of sound. Israeli officials have been eyeing potential Russian transfers of hypersonic technology to Tehran. But no launch yet.… pic.twitter.com/llJWPTAgoW
— Jason Brodsky (@JasonMBrodsky) June 6, 2023
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हसन तेहरानी मोघद्दाम की पुण्यतिथि पर हुआ था ऐलान
आईआरजीसी एयरोस्पेस के प्रमुख अमीर अली हाजीजादेह ने बीते साल नवंबर में ईरानी मिसाइल प्रौद्योगिकी के जनक के रूप में जानी जाने वाली हसन तेहरानी मोघद्दाम की पुण्यतिथि पर हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने का ऐलान किया था। 2011 में एक मिसाइल बेस में विस्फोट के बाद मोघद्दाम की मौत हो गई थी। इस दौरान 12 से अन्य सदस्य भी मारे गए। विस्फोट को एक दुर्घटना करार दिया गया था। हालांकि मीडिया में कहा गया कि इस विस्फोट के पीछे इजराल था।
IRGC ने पिछले महीने 2,000 किमी (1,240 मील) की सीमा के साथ एक नई बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। फ्रांस ने दावा किया कि यह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लंघन है।
दुनिया में सिर्फ चार देशों के पास हाइपरसोनिक मिसाइलें
संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन और उत्तर कोरिया एकमात्र ऐसे देश हैं, जिन्होंने हाइपरसोनिक मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
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