22 अप्रैल को पहलगाम हुए आंतकी हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद निगरानी संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) ने चिंता व्यक्त की है। FATF ने कहा कि यह हमला वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता तथा आतंकवाद समर्थकों को पैसे उपलब्ध कराए बिना संभव नहीं था।
तीस सालों में यह तीसरी बार है, जब FATF ने निंदा जारी की है। उनकी तरफ से यह भी कहा गया है कि वह इस बात की जांच तेज करेगा कि देश आतंकवाद के वित्तपोषण से कितने प्रभावी ढंग से निपट रहे हैं।
FATF ने कहा है कि दुनिया भर में आतंकवादी घटनाओं की वजह से जान जाती है, लोग अपंग हो जाते हैं और लोगों में भय पैदा होता है। इसके साथ ही 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर FATF ने गहरी चिंता व्यक्त की है। संस्था की तरफ से कहा गया कि ये आतंकी हमले हमले बिना पैसे और आतंकवादी समर्थकों के बीच धन के लेन-देन के साधनों के बिना नहीं हो सकते।
बता दें कि भारत लगातार यह बात उठाता रहा है कि पाकिस्तान मिल रही वित्तीय सहायता का दुरूपयोग करता है और आतंकियों को फंडिंग करता है।
कब था था पहलगाम आतंकी हमला?
22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया था। निहत्थे पर्यटकों पर आतंकियों ने गोलीबारी की थी। इसमें 26 लोगों की जान गई थी। इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े कदम उठाए थे। जिसमें नागरिकों को वापस लौटने, सिंधु जल समझौते को रद्द करने समेत कई अहम फैसले शामिल थे।
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इसके बाद 6 मई को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इस दौरान बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने भी भारत पर हमला करने की कोशिश की थी, तब दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए थे। हालांकि करीब तीन दिन चले संघर्ष के बाद ही सीजफायर की घोषणा हो गई थी।