European Space Agency News: कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…! इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है कि ब्रिटिश सर्जन और पूर्व पैरालिंपियन जॉन मैकफॉल (John McFall) ने। जॉन मैकफॉल दुनिया के पहले दिव्यांग एस्ट्रोनॉट बन गए हैं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के मिशन के लिए मंजूरी मिली है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी (European Space Agency) दुनिया के पहले दिव्यांग (शारीरिक रूप से अक्षम) अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के मिशन के लिए मंजूरी दे दी है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की।
19 वर्ष की आयु में हुए थे दुर्घटना के शिकार
बता दें कि यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ईएसए) ने इसके लिए 2022 में ही प्रयास शुरू कर दिए थे। दरअसल, ईएसए पैरा-एस्ट्रोनॉट के लिए तकनीक विकसित कर रहा था और दुनिया को संदेश देना चाहता था कि ‘अंतरिक्ष सभी के लिए है’। पहले दिव्यांग एस्ट्रोनॉट जॉन मैकफॉल (John McFall) की उम्र 48 साल है और वह ब्रिटिश सर्जन और पूर्व पैरालिंपियन हैं। जॉन मैकफॉल ने 19 वर्ष की आयु में एक मोटरसाइकिल दुर्घटना में अपना एक पैर खो दिया था। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बाधा को पार कर इस मुकाम पर पहुंचने पर बहुत गर्व है।
अभी तारीख तय नहीं
शुक्रवार को ईएसए ने घोषणा की कि मैकफॉल को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर लंबे समय के मिशन के लिए चिकित्सा मंजूरी मिल गई है। मैकफॉल ने जोर देकर कहा कि इस प्रक्रिया में मेरी कोई भूमिका नहीं थी, मुझे बस मेडिकली फिट होना था और जरूरी काम करने थे। उन्होंने एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, यह मेरे लिए बहुत बड़ा दिन है, यह एक कल्चरल बदलाव है। हालांकि, अभी तक कोई तारीख तय नहीं की गई है कि मैकफॉल को ईएसए द्वारा पहला पैरास्ट्रोनॉट बनने का मौका कब मिलेगा। यानी मैकफॉल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के मिशन के लिए कब रवाना होंगे इसकी तारीख तय नहीं है।
ईएसए के मानव एवं रोबोट अन्वेषण के निदेशक डैनियल न्यूएनश्वेंडर (Daniel Neuenschwander) ने कहा कि अब वह अन्य लोगों की तरह एक अंतरिक्ष यात्री हैं, जो अंतरिक्ष स्टेशन पर जाना चाहता है और मिशन असाइनमेंट का इंतजार कर रहा है। न्यूएनश्वेंडर ने कहा, हम अब एक ऐसी दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के हमारे एक साझेदार के नजरिए से थोड़ा अलग है। उन्होंने जोर देकर कहा, हम अपने यूरोपीय मूल्यों को जारी रखेंगे। साथ ही कहा कि सभी आईएसएस भागीदारों जिसमें अमेरिका भी शामिल है, ने मैकफॉल को चिकित्सा मंजूरी दे दी है।
2022 में अंतरिक्ष यात्री के रूप में हुआ था चयन
2022 में जब ईएसए ने किसी दिव्यांग को स्पेस में भेजने का मन बनाया था तो उसे इसके लिए 22,000 आवेदन प्राप्त हुए थे। उसमें मैकफॉल भी शामिल थे जिन्होंने खुद को एक अंतरिक्ष यात्री बनने के तौर पर पेश किया था। अंतरिक्ष यात्री के रूप में अपने चयन होने पर उन्होंने कहा था कि यह इतिहास में एक बड़ा पड़ाव साबित होगा। उन्होंने कहा था, ईएसए एक दिव्यांग को अंतरिक्ष में भेजने के लिए प्रतिबद्ध है। यह पहली बार है कि किसी अंतरिक्ष एजेंसी ने इस तरह की परियोजना शुरू करने का प्रयास किया और वास्तव में मानवता के नाम एक बड़ा संदेश दिया।
‘हर चुनौती से आत्मविश्वास और बल मिला’
अपने चयन के बाद मैकफॉल ने कहा था, मैं खुद को लेकर आश्वस्त हूं। करीब 20 साल पहले मैं अपना पैर खो दिया था, मुझे पैरालंपिक में जाने का मौका मिला और उससे भावनात्मक रूप से मैं काफी मजबूत हुआ। जीवन में आई हर चुनौती से मुझे आत्मविश्वास और बल मिला। उन्होंने कहा था, मैंने कभी अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना नहीं देखा था। जब ईसीए ने घोषणा की कि वह एक पहल के लिए दिव्यांग व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं तभी मेरे मन में इसको लेकर रुचि जागी। बता दें कि यूरोपीय स्पेस एजेंसी 22 सदस्य देशों का एक अंतर सरकारी संगठन है। इस एजेंसी की स्थापना 1975 में हुई थी और इसका मुख्यालय पेरिस में है।