क्या आपने कभी सुना है कि जब हमारे देश भारत में साल 2025 चल रहा है लेकिन किसी अन्य देश में इस समय साल 2018 चल रहा है. जी हां, एक ऐसा भी देश है जहां इस समय साल 2018 चल रहा है. ये किसी दूसरे ग्रह की बात नहीं है बल्कि अफ्रीकी महादेश में बसे इथियोपिया की है. समय से जुड़ी कई बातें इस देश को बाकी अन्य देशों से अलग बनाती हैं. इसी इथियोपिया में 10000 साल बाद 23 नवंबर 2025 को ज्वालामुखी सक्रिया हुआ है. जिसकी राख दिल्ली तक आ चुकी है.
इथियोपिया के अफार क्षेत्र में 10000 साल बाद एक ज्वालामुखी के सक्रिय होने से एशिया अफ्रीका के कई देशों में हाहाकार मच गया है. ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान 14 किलोमीटर ऊंचाई तक राख और धुएं के काले बादल दिखाई दे रहे थे. चारों ओर धुएं के गुबार और तेज हवा. ये धुआ अब चारों ओर फैल रहा है. इथियोपिया एक प्राचीन देश है, जो लाल सागर के दक्षिण-पश्चिम में इरिट्रिय, जिबूती, सोमालिया, केन्या और दक्षिण सूडान से घिरा हुआ है. इथियोपिया अफ्रीका का एक मात्र ऐसा देश है जो कभी भी यूरोपीय उपनिवेश नहीं बना और अपनी 3000 साल पुरानी सभ्यता पर गर्व महसूस करता है.
इथियोपिया में 12 नहीं 13 महीने होते हैं
इथियोपिया को वहां की संस्कृति अन्य देशों से अलग बनाती है. जानकारी के अनुसार, यहां 80 से अधिक जातीय समूह रहते हैं जिनकी अपनी-अपनी अलग भाषाएं और संस्कृति है. इथियोपिया में 60% से ज्यादा ईसाई धर्म (इथियोपियन ऑर्थोडॉक्स चर्च) के लोग रहते हैं जो दुनिया के सबसे पुराने ईसाई समुदायों में से एक है. यहां की एक ही संस्कृति है जो बेहद अनूठी और अलग है. बता दें कि यहा साल के 12 नहीं बल्कि 13 महीने होते हैं. 13वां महीना सिर्फ 5 दिन का होता है.
सूर्योदय 6 बजे सुबह नहीं दिन के 12 बजे होता है
इथियोपिया में सूर्योदय सुबह 6 बजे नहीं बल्कि 12 बजे माना जाता है. यहां की गिनती सूरज के उगने के साथ शुरू होती है न कि आधी रात से. इसे इथियोपियन टाइम कहा जाता है.
13 महीने का होता है साल
इथियोपिया में हर महीना 30 दिन का होता है यानी कि 12 महीने x 30= 360 दिन. बाकी बचे 5 दिन को 13 महीने में डाला जाता है. इसे पागुमेन कहते हैं. जिस साल लीप ईयर होता है उस साल इथियोपिया का 13वां महीना 6 दिन का हो जाता है. इस तरह से यहां 13 महीने होते हैं. इथियोपिया में नया वर्ष हमारे अनुसार सितंबर में शुरू होता है. वे इसे मेस्केरेम (Meskerem) कहते हैं यानी कि फूलों का महीना. इथियोपियाई नववर्ष अमूमन (ग्रेगोरियन कैलेंडर में 11 या 12 सितंबर) को मनाया जाता है.
अपना अलग कैलेंडर मानता है इथियोपिया
इथियोपिया में समय ठहरा हुआ है, सभ्यताएं पुरातन हैं और जिंदगी दुनिया के मुकाबले सालों पीछे चल रही है. इथियोपिया ने जानबूझकर अपनी प्राचीन पहचान, समय गणना, कैलेंडर और जीवनशैली को आज भी जीवंत रखा है. इथियोपिया आज भी ईसा मसीह के जन्म से 7-8 साल पीछे अपना अलग कैलेंडर मानकर आगे बढ़ रहा है. इसे गीज कैलेंडर कहते हैं. यहां अभी भी साल 2025 नहीं बल्कि साल 2018 ही चल रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि गीज कैंलेडर ग्रेगोरियन कैंलेडर से 7-8 साल पीछे चलता है. दुनिया के बाकी देशों में ग्रेगोरियन कैंलेडर का ही इस्तेमाल किया जाता है. गीज कैंलेड़र मिस्त्र के पुराने कोप्टिक कैंलेडर से लिया गया है. इथियोपिया ने कभी भी यूरोपीय उपनिवेशवाद को स्वीकार ही नहीं किया.










