11 March History: 11 मार्च का दिन देश और दुनिया में इतिहास के पन्नों में दर्ज है। जापान में 11 मार्च 2011 को भीषण तूफान आया था, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी। सुनामी आई और उसने तबाही मचा दी। वहीं हजारों की संख्या में लोग घर से बेघर हो गए। हर तरफ तबाही का मंजर था और चीख-पुकार मची हुई थी। इस तबाही से न सिर्फ जापान बल्कि पूरी दुनिया कांप गई। आज भी लोगों के जख्म हरे हैं और वो उस दिन को याद कर सिहर उठते हैं। आइए आज एक बार फिर से उस दिन को और लोगों के दर्द को समझते हैं।
आया भूकंप जिसने मचाई तबाही
जापान में आए भूकंप ने हर तरफ तबाही मचा दी। बेशक हिली जापान की धरती थी लेकिन पूरी दुनिया के लोगों में दहशत थी। दिन सोमवार तारीख 11 मार्च 2011 को जापान की धरती पर कोहराम मचा हुआ था। पूर्वी प्रायद्वीपीय ओशिका से 70 किलोमीटर दूर भूकंप के जोरदार झटकों ने हड़कंप मचा दिया। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 9 मापी गई।
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सुनामी से आया सैलाब
पहले भूकंप ने कोहराम मचाया और फिर उसके बाद सुनामी आई जिसने हजारों लोगों की सांसें छीन ली। लाखों लोग घर से बेघर हो गए। किसी का पूरा परिवार तबाह हो गया तो किसी ने अपनों को खो दिया और हमेशा के लिए तन्हा हो गया। रिपोर्ट के अनुसार, सुनामी की लहरें 0.4 मीटर ऊंची थीं। 2011 में जापान में आई सुनामी और भूकंप ने जो तबाही मचाई थी, आज उसका दर्द आज भी लोगों के जेहन में ताजा है।
15000 लोगों की गई जान
रिपोर्ट के अनुसार इस भूकंप और सुनामी में करीब 15,000 लोगों की जान चली गई। 2000 से ज्यादा लोग लापता हो गए। और हजारों लोग बेघर हो गए। वो कहते हैं न कि जब परेशानी आती है तो चारों ओर से आती है। उस दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ। पहले भूकंप, फिर सुनामी का सैलाब और उसके बाद धमाके। जी हां, सुनामी का पानी परमाणु बिजली संयंत्र में घुस गया जिससे धमाके शुरू हो गए। क्या आपको पता है कि इस भयावह घटना के बाद जापान ने सभी परमाणु बिजली घर 3 साल के लिए बंद कर दिए। इस प्राकृतिक आपदा ने सभी झकझोर कर रख दिया।
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