Donald Trump Uturn: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस और यूक्रेन युद्ध, दोनों देशों में युद्धविराम, पुतिन और जेलेंस्की की शांति वार्ता को लेकर बड़ा बयान दिया है। वहीं रूस की ओर से भी यूक्रेन को लेकर बड़ा दावा किया गया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अब मैं चाहता हूं कि शांति स्थापना के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति पुतिन मिलकर काम करें और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे दोनों मिलकर काम करते हैं या नहीं।
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रूस नहीं करना चाहता है शिखर वार्ता
वहीं रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रहेगा। कोई शिखर वार्ता यूक्रेन के साथ नहीं हो रही है। राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच फिलहाल किसी तरह की बैठक होने की योजना नहीं है। विदेश मंत्री लावरोव ने NBC के कार्यक्रम में दोहराया कि राष्ट्रपति पुतिन राष्ट्रपति जेलेंस्की से तब मिलेंगे, जब किसी ठोस एजेंडे पर दोनों में सहमति बनेगी। रूस ने यूक्रेन के सामने 3 शर्तें रखी हैं और यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी चाहिए।
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पुतिन-जेलेंस्की की तेल-सिरके से तुलना
बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप ने राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच शिखर वार्ता कराने की उम्मीद जताई थी, लेकिन शुक्रवार को उन्होंने दोनों राष्ट्रपतियों की तुलना तेल और सिरके से करते हुए कहा कि वे आपस में मिल नहीं पाएंगे, लेकिन वे देखना चाहते हैं कि दोनों शांति स्थापना के लिए प्रयास करते हैं या नहीं, क्योंकि दोनों नेता अपने देश और जनता की रक्षा के लिए जिम्मेदार हैं। अब यह दोनों नेताओं को तय करना है कि वे अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे या नहीं।
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कब से जारी है रूस-यूक्रेन का युद्ध?
बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध फरवरी 2014 से चल रहा है, लेकिन 24 फरवरी 2022 को दोनों देश आपस में पूर्ण युद्ध कर रहे हैं। रूस चाहत है कि यूक्रेन पूर्ण आत्मसमर्पण करे। नाटो में शामिल होने का सपना छोड़ दे और डोनबास क्षेत्र रूस को सौंप दे, जबकि यूक्रेन युद्ध खत्म करने के बदले सुरक्षा की गारंटी मांग रहा है।
रूस के हवाई हमलों से यूक्रेन को काफी नुकसान हुआ है। युद्ध के कारण यूक्रेन में लाखों लोग बेघर हो गए हैं। करीब 82 लाख लोग देश छोड़कर अन्य देशों में शरणार्थी बन चुके हैं। कई देश रूस पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। कई देशों ने यूक्रेन को सैन्य और मानवीय सहायता उपलब्ध कराई हे। यूरोप ने यूक्रेन को 309 बिलियन यूरो (360 बिलियन डॉलर) दिए हैं।










