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क्या ट्रंप की जान को खतरा है? टाइट की गई सिक्योरिटी, कैसी और कितनी हार्ड होती है US प्रेसिडेंट की सुरक्षा

Donald Trump Security: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, क्योंकि यूटा की यूनिवर्सिटी में कंजर्वेटिव वर्कर चार्ली किर्क की गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद अमेरिका में उथल-पुथल मची हुई है और देशभर में नेताओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है. एहतियात बरतते हुए सबसे पहले राष्ट्रपति ट्रंप […]

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Sep 12, 2025 08:34
Donald Trump | US President | Tight Security
राष्ट्रपति ट्रंप के करीबी चार्ली किर्क की सरेआम गोली मारकार हत्या की गई थी।

Donald Trump Security: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, क्योंकि यूटा की यूनिवर्सिटी में कंजर्वेटिव वर्कर चार्ली किर्क की गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद अमेरिका में उथल-पुथल मची हुई है और देशभर में नेताओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है. एहतियात बरतते हुए सबसे पहले राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा बढ़ाई गई. 10 सितंबर को चार्ली के मर्डर के बाद 11 सितंबर को पहले 2001 को हुए आतंकी हमले की याद में होने वाले कार्यक्रम की जगह बदली गई और अब न्यूयॉर्क में आज 12 सितंबर को होने वाले बेसबॉल मैच में उनकी मौजूदगी के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.

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कई नेताओं ने बढ़ाई अपनी सुरक्षा

बता दें कि चार्ली किर्क की हत्या के बाद कई नामी हस्तियों ने अपनी सुरक्षा बढ़ा ली है. कुछ ने खुद लाइसेंसी हथियार रखने का फैसला लिया है. इसलिए गुरुवार सुबह उनके एक कार्यक्रम को पब्लिक प्लेस से हटाकर इंडोर हाउस में कर दिया गया. जब राष्ट्रपति ट्रंप बेसबॉल मैच देखने यांकी स्टेडियम पहुंचे तो दर्शकों को समय से पहले आने का निर्देश दिया गया, ताकि लंबी लाइनों में न लगा पड़े और हर किसी की आइडेंटिटी भी चेक हो पाए. ऐसा इसलिए किया गया, ताकि भीड़ होने पर किसी अज्ञात को एंट्री न मिल पाए और राष्ट्रपति ट्रंप की जान को कोई खतर पैदा न हो.

अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा किसका जिम्मा?

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति की सुरक्षा की जिम्मेदारी यूनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस की होती है, जो वर्ष 1865 में गठित हुई थी, लेकिन 1901 से यह एजेंसी अमेरिका के राष्ट्रपति की सुरक्षा करती आ रही है. इस एजेंसी में करीब 7000 महिलाएं और पुरुष एजेंट हैं. इन्हें दुनिया की सबसे मुश्किल और हार्ड ट्रेनिंग देकर तैयार किया जाता है. इन एजेंट्स को आदेश है कि अगर राष्ट्रपति कहे कि उन्हें अकेला छोड़ दिया जाए तो भी उन्हें अकेला नहीं छोड़ना है. अकेला छोड़ने का उनका आदेश मानना ही नहीं है.

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थ्री लेयर सिक्योरिटी में चलते हैं राष्ट्रपति

अमेरिका के राष्ट्रपति के सिक्योरिटी 3 लेयर्स में होती है. सबसे पहले राष्ट्रपति के चारों ओर प्रोटेक्टिव डिविजन एजेंट होते हैं. फिर सीक्रेट सर्विस एजेंट्स होते हैं और उसके बाद पुलिस की सिक्योरिटी होती है. जब अमेरिकी के राष्ट्रपति किसी देश का दौरा करते हैं तो 3 महीने पहले सीक्रेट सर्विस के एजेंट एक्टिव हो जाते हैं. एजेंट्स व्हाइट हाउस के स्टाफ के साथ मिलकर संबंधित देश की लोकल एजेंसियों के साथ मिलकर इंतजाम करने लगते हैं. इंटेलिजेंस ब्यूरो और VVIP सिक्योरिटी एक्सपर्ट से मिलते हैं.

6 प्लेन और हेलीकॉप्टर का काफिला होता

किसी भी देश के दौरे पर जाने के बाद वहां अमेरिका के राष्ट्रपति कहां ठहरेंगे, इसका फैसला सीक्रेट सर्विस एजेंट करते है. इसके लिए वे होटल के बैकग्राउंड और बिल्डिंग से लेकर मालिक-स्टाफ और सिक्योरिटी गार्ड्स तक का बैकग्राउंड चेक करते हैं. एयरपोर्ट पर जब अमेरिकी राष्ट्रपति का प्लेन लैंड होगा तो एयरस्पेस और एयरपोर्ट पर स्पेस वे उपलब्ध कराते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति एयरफोर्स के वन प्लेन में 6 बोइंग C-17 प्लेन के साथ उड़ते हैं. एक हेलिकॉप्टर भी काफिले में होती हैं. प्लेन में उनकी लिमोजीन गाड़ी, एजेंट्स और स्टाफ होते हैं. सीक्रेट सर्विस एजेंट लोकल एजेंसी के साथ मिलकर राष्ट्रपति के काफिले का रूट फाइनल करते हैं.

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राष्ट्रपति का ब्लड तक साथ लेकर चलते

सीक्रेट सर्विस एजेंट यह भी देखते हैं कि किसी भी तरह की आपात स्थिति में राष्ट्रपति को लेकर कहां से निकलना है. अगर कोई हमला होता है तो सेफ लोकेशन कौन-सी होगी? नजदीकी अस्पताल कौन-से हैं? एजेंट्स ही यह सुनिश्चित भी करते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति जहां ठहरेंगे, वहां से 10 मिनट की दूरी पर अस्पताल हो. उस अस्पताल के बाहर एक एजेंट तैनात रहेगा. राष्ट्रपति के ब्लड ग्रुप वाला ब्लड भी एजेंट्स साथ लेकर चलते हैं. रूट पर पड़ने वाले हर चौक पर एजेंट तैनात होता है. जिस होटल में वे रुकते हैं, वहां न कोई पार्किंग होती है और न किसी को आने दिया जाता है. उनके कमरे वाला और ऊपर-नीचे वाला फ्लोर खाली होता है.

कुकिंग स्टाफ तक साथ में आता-जाता

जिस कमरे में अमेरिकी राष्ट्रपति रुकते हैं, उसमें कोई कैमरा या रिकॉर्डिंग डिवाइस नहीं होना चाहिए. न टीवी होता और न ही होटल का कोई फोन होता है. कमरे की खिड़कियों पर बुलेट प्रूफ शील्ड लगाई जाती है. राष्ट्रपति का कुकिंग स्टाफ भी उनके साथ आता है. राष्ट्रपति जहां जाएंगे अपने कुकिंग स्टाफ के हाथ का बना खाना खाएंगे, जिसकी चेकिंग भी सीक्रेट सर्विस एजेंट्स करते हैं. राष्ट्रपति के साथ हर वक्त रहने वो सीक्रेट सर्विस एजेंट्स के हाथ में US न्यूक्लियर मिसाइल को लॉन्च करने वाला ब्रीफकेस होता है.

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राष्ट्रपति जिस लिमोजीन कार में सफर करते हैं, उसमें बुलेट प्रूफ सिक्योरिटी, स्मोक स्क्रीन्स, टियर गैस, नाइट विजन टेक्नोलॉजी, केमिकल अटैक सिक्योरिटी और ग्रेनेड लॉन्चर होते हैं. इस गाड़ी के ड्राइवर्स इतने ट्रेंड होते हैं कि हमले के समय वे गाड़ी को 180 डिग्री टर्न लेकर दौड़ाते हैं.

First published on: Sep 12, 2025 06:23 AM

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