Donald Trump Oath In Ceremony (संजीव त्रिवेदी की स्पेशल रिपोर्ट) : अमेरिका में 20 जनवरी से डोनाल्ड ट्रंप सरकार की शुरुआत होगी। यानी इस दिन ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करेंगे और वे यूएस के 47वें राष्ट्रपति बन जाएंगे। इस वक्त पूरी दुनिया में उनके शपथ समारोह की चर्चा हो रही है, क्योंकि अमेरिका के इतिहास में 40 साल के बाद पहली बार डोनाल्ड ट्रंप खुले आसमान में नहीं, बल्कि संसद हॉल के अंदर शपथ लेंगे। आइए जानते हैं कि इसके पीछे की क्या वजह है?
ऐसे तो डोनाल्ड ट्रंप अपने बयान और आक्रामक तेवर को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन इस बार उनका शपथ ग्रहण समारोह भी चर्चा में है। अमेरिका में सोमवार को ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह पिछले कई मौकों की तरह कैपिटल हॉल के खुले प्रांगण में नहीं, बल्कि अंदर कैपिटल रोटुंडा नाम के हॉल में होगा। 4 दशक पहले साल 1985 में रोनाल्ड रीगन के दूसरे कार्यकाल में ऐसा हुआ था। 40 साल के बाद डोनाल्ड ट्रंप बाहर खुले आसमान में लोगों के समक्ष शपथ न लेकर कैपिटल के भीतर एक हॉल में शपथ लेंगे।
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माइनस 7 डिग्री सेल्सियस पारा रहने का अनुमान
बताया जा रहा है कि भीषण ठंड की वजह से ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह खुले में नहीं होकर संसद के अंदर होगा। ट्रंप के शपथ ग्रहण के दौरान तापमान माइनस 7 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। शपथ ग्रहण के लिए कैपिटल हिल्स के अंदर कैपिटल रोटूंगा में स्टेज तैयार किया गया है। कैपिटल रोटुंडा कैपिटल हिल्स बिल्डिंग में गुंबद के नीचे है और अमेरिकी संसद के दोनों सदनों की ओर जाने वाले गलियारों से जुड़ा हुआ है। दूसरी वजह सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंता भी बताई जा रही है।
शपथ लेने के बाद समर्थकों से मिलेंगे ट्रंप
इसे लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ऐसा करने के पीछे वजह ये है कि वे लोगों को ठंड से बीमार पड़ते नहीं देखना चाहते हैं। उनके समर्थकों के लिए 20 हजार की क्षमता वाले Capitol One Arena में बड़े स्क्रीन लगाकर शपथ ग्रहण के लाइव टेलीकास्ट की व्यवस्था की गई है। शपथ के बाद वे यहां खुद समर्थकों के बीच आएंगे।
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एस जयशंकर भी होंगे शामिल
आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल होंगे। QUAD देशों के सभी विदेश मंत्रियों को भी न्योता भेजा गया है। इस मौके पर क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक भी प्रस्तावित है, जिसमें जयशंकर भी हिस्सा लेंगे।