---विज्ञापन---

दुनिया

शेख हसीना को फांसी की सजा, इंटरनेशनल कोर्ट ट्रिब्यूनल का बड़ा फैसला

Sheikh Hasina Death Sentence: शेख हसीना को इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने फांसी की सजा सुनाई है. उन्हें मानवता के खिलाफ 5 गंभीर मामलों में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई. शेख हसीना को निहत्थे प्रदर्शनकारियों को जान से मरवाने का दोषी ठहराया गया है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Nov 17, 2025 14:47
Sheikh Hasina
शेख हसीना 5 गंभीर अपराधों में दोषी करार दिया गया है.

Sheikh Hasina Case Verdict: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाई गई है. शेख हसीना को मानवता के खिलाफ 5 गंभीर अपराधों में इंटरनेशन क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) ने दोषी ठहराया और मौत की सजा दी. साथ ही 3 दिन में शेख हसीना को गिरफ्तार करने का आदेश भी दिया है.

बता दें कि शेख हसीना के मामले में 453 पेज का जजमेंट आया, जो 6 पार्ट में पढ़ा गया. फैसला जस्टिस गुलाम मुर्तजा की अगुवाई वाली 3 जजों की बेंच ने सुनाया. इसमें जस्टिस मुर्तजा के अलावा जस्टिस मोहम्मद शफीउल आलम महमूद और जस्टिस मोहम्मद मोहितुल हक एनाम चौधरी भी शामिल हैं.

---विज्ञापन---

छात्र आंदोलन में किए गए थे अपराध

फैसला शेख हसीना में गैर-मौजूदगी में सुनाया गया. वहीं फैसला सुनाते हुए ट्रिब्यूनल ने कहा है कि सजा मानवाधिकार संगठन की रिपोर्ट्स के आधार पर सुनाई गई है, जिसमें शेख हसीना द्वारा किए गए क्रूर अपराधों का जिक्र था. जुलाई-अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार के खिलाफ छात्रों ने आंदोलन छेड़ा था, जिसका शेख हसीना ने क्रूरता से दमन कराया था.

---विज्ञापन---

शेख हसीना ने ही शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर हेलीकॉप्टर से बम गिराने का आदेश पुलिस और सेना को दिया था. उनको बताकर ही अत्याचार के खिलाफ सड़कों पर उतरे आवामी लीग के कार्यकताओं पर हमला किया गया था. इसलिए पूरे मामले में शेख हसीना ही दोषी हैं और उनकी जानकारी में लाने के बाद ही आंदोलन का दमन किया गया.

हिंसा में 1400 लोगों की हुई थी मौत

बता दें कि छात्र आंदोलन का दमन करने की सरकार, सेना और पुलिस की कार्रवाई में 1400 से ज्यादा मौतें हुई थीं. निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई गई थीं और ड्रोन-हेलीकॉप्टर से हमले किए गए थे. शेख हसीना इस हिंसक दमन की मास्टरमाइंड थी, क्योंकि उनके आदेश पर ही दमन किया गया था.

मामले में उनके साथ पूर्व गृह मंत्री आसदुज्जमान खान कमाल और पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्लाह अल-मामुन को भी मौत की सजा सुनाई गई है, लेकिन वे शेख हसीना के खिलाफ गवाह भी थे. जून 2025 में ट्रायल की शुरुआत हुई थी और जुलाई में चार्जशीट दाखिल की गई थी. 2 जुलाई 2025 को शेखी हसीन को अदालत की अवमानना मामले में 6 महीने की जेल हुई थी और वह सजा भी शेख हसीना की गैर-मौजूदगी में सुनाई गई थी.

First published on: Nov 17, 2025 02:19 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.