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7 साल की उम्र में हो गई थी HIV से मौत, 34 साल बाद सामने आया डॉक्टर की लापरवाही का सच

7 Year Old Died From Aids : कोलिन स्मिथ के माता-पिता का मानना है कि उनके बेटे पर एक्सपेरिमेंट किए जा रहे थे। बीबीसी की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि उस समय डॉक्टर लागत कम रखने के लिए औऱ ज्यादा खतरनाक प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करने के लिए भी तैयार थे।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Apr 14, 2024 15:15
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Colin Smith
कॉलिन स्मिथ की 7 साल की उम्र में एचआईवी के चलते मौत हो गई थी।

7 Year Old Died From Aids : कोलिन स्मिथ (Colin Smith) की उम्र 10 महीने थी जब उसे एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा दिया गया था। 7 साल की उम्र में उसकी मौत हो गई थी। तब उसके घर की दीवारों पर लोगों ने Aids Dead जैसे स्लोगन लिख दिए थे। उसके पिता को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। अब कोलिन की मौत को 34 साल बीतने के बाद उसके परिवार को एक और बेहद दुखद खबर सुनने को मिली है। बीबीसी की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि जिस डॉक्टर ने कॉलिन को संक्रमित खून चढ़ाया था उसने ऐसा करने के लिए अपने ही नियम तोड़े थे।

इस डॉक्टर की पहचान प्रोफेसर ऑर्थर ब्लूम के तौर पर हुई है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार तीन महीने पहले ही प्रोफेसर ब्लूम के डिपार्टमेंट ने ही इंटर्नल एनएचएस ने नेशनल हेल्थ सर्विसेज (NHS) की इंटर्नल गाइडलाइंस लिखी थीं। इसमें बच्चों पर इम्पोर्टेड ब्लड ट्रीटमेंट का इस्तेमाल न करने के लिए कहा गया है। इसके पीछे की वजह संक्रमण का खतरा बताया गया है। कोलिन के पिता कहते हैं कि मेरे बेटे की मौत कोई एक्सीडेंट नहीं थी। बता दें कि कोलिन हीमोफीलिया (Haemophilia) से पीड़ित था। इसमें खून की थक्के बनाने की क्षमता प्रभावित होती है।

इलाज से पहले बनाए थे ऐसे नियम

कोलिन का इलाज करने से एक साल पहले जनवरी 1982 में प्रो. ब्लूम ने सबी हीमोफीलिया सेंटर्स के नाम एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने वायरस को खत्म करने के लिए सभी मरीजों को नए हीट ट्रीटेड प्रॉडक्ट्स देने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि ये उन मरीजों को दिए जाएं जिनका पहले इलाज न हुआ हो और वह ज्यादा खतरे वाले अमेरिकी प्रॉडक्ट्स के संपर्क में न आए हों। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिकी प्रॉडक्ट्स जेल में बंद कैदियों और ड्रग यूजर्स जैसे डोनर्स से आए होते हैं। बता दें कि इस पत्र में इंसानों पर टेस्टिंग की जरूरत पर भी जोर दिया गया था।

कोलिन के केस में खुद तोड़े नियम

लेकिन कोलिन का इलाज करते समय प्रो. ब्लूम ने अपने ही नियमों को ताक पर रख दिया। कोलिन एचआईवी और हेपेटाइटिस सी से अगस्त 1983 में संक्रमित हुआ था। उसे अमेरिका से इम्पोर्ट किया गया खून चढ़ाया गया था। 1990 में कोलिन की मौत हो गई थी। वहीं, कोलिन की मौत के महज 2 साल बाद ही प्रो. ब्लूम की भी जान चली गई थी। कोलिन के माता-पिता का मानना है कि उनके बेटे पर एक्सपेरिमेंट किए जा रहे थे। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि डॉक्टर लागत कम रखने के लिए और खतरनाक प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करने के लिए भी तैयार थे।

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First published on: Apr 14, 2024 03:02 PM

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