---विज्ञापन---

डगमगाया ड्रैगन : एक ट्रिलियन डॉलर वाली ‘बेल्ट एंड रोड परियोजना’ पर संकट के बादल

China Belt And Road: चीन की एक ट्रिलियन डॉलर वाली 'शताब्दी परियोजना' पर संकट के बाद छाए हुए हैं। चीनी अर्थव्यवस्था और बेल्ट एंड रोड परियोजना दोनों को कोरोना महामारी ने पीछे धकेल दिया है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Oct 16, 2023 21:58
Share :
President Xi Jinping, Belt and Road project, china, chinese economy
चीन की एक ट्रिलियन डॉलर वाली 'बेल्ट एंड रोड परियोजना' पर संकट के बादल छाए हैं।

China Belt And Road Project: पड़ोसी देश चीन पूरी दुनिया में अपना दबदबा बनाना चाहता है। इसके लिए वह कई बार अमेरिका को भी आंख दिखाता है। दुनिया में अपना दबदबा कायम करने के लिए चीन ने ‘बेल्ट एंड रोड परियोजना’ (BRI) की शुरुआत की थी। लेकिन चीन की इस परियोजना का भविष्य अब फंसता हुआ नजर आ रहा है, क्योंकि चीनी अर्थव्यवस्था अच्छी नहीं होने के कारण इसका काम बहुत धीमा हो गया है। चीनी अर्थव्यवस्था भी कोरोना के बाद पटरी से उतर चुकी है। इसके चलते चीन की एक ट्रिलियन डॉलर की बेल्ट एंड रोड परियोजना (बीआरआई) अधर में लटक गई है। चीन ने साल 2013 में बेल्ट एंड रोड परियोजना शुरू की थी। साल 2023 तक चीन इस परियोजना में 139 देशों को जोड़ चुका है। चीन ने एशिया, अफ्रीका, यूरोप और लैटिन अमेरिका में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए एक ट्रिलियन डॉलर खर्च करने की योजना बनाई थी।

भारत ने किया बहिष्कार
इस साल चीन दुनिया के साथ दो नए ट्रेड रूट स्थापित करने की अपनी महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड परियोजना (बीआरआई) की 10वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। बीजिंग में 17-अक्टूबर को तीसरा बीआरआइ फोरम आयोजित किया जा रहा है। वहीं भारत ने तीसरी बार इस शिखर सम्मेलन का बहिष्कार करने की योजना बना ली है। पिछले दो बीआरआई सम्मेलनों की तरह भारत इस साल की बैठक में भी हिस्सा नहीं लेगा।

यह भी पढ़ें : गाजा पट्टी पर कब्जा किया तो…अमेरिका के Double Face का पर्दाफाश, बाइडेन की नेतन्याहू को कड़ी चेतावनी

परियोजना के भविष्य पर संकट
थिंक टैंक ग्रीन फाइनेंस एंड डेवलपमेंट सेंटर के अनुमान के मुताबिक, इस परियोजना ने अपने पहले दशक में 1 ट्रिलियन डॉलर जुटाए हैं, लेकिन हाल के वर्षों में इसकी गति कम हो गई है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था धीमी होने के कारण BRI देशों में चीन की समग्र गतिविधि 2018 के शिखर से लगभग 40% कम हो गई है। बीजिंग पर गैरजिम्मेदार ऋणदाता होने के कारण देशों को डिफ़ॉल्ट की ओर ले जाने का आरोप लगता रहा है। अमेरिका के साथ टूटे संबंधों ने शी की पसंदीदा परियोजना के साथ संबंध को तेजी से विभाजनकारी बना दिया है। इटली वर्ष के अंत तक इस परियोजना से बाहर निकलने के लिए तैयार है।

कोरोना से चीन को लगा झटका
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना को कोराना के चलते काफी नुकसान पहुंचा है। कोरोना में चीन और अन्य शामिल देशों की अर्थव्यवस्था गिर गई, जिसके चलते परियोजना की गति धीमा हो गई है। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के अनुसार अमेरिका का आकलन है कि बीआरआई गहरे संकट में है। अधिकारी ने कहा कि बीजिंग के पास उधार देने के लिए बेहद कम पूंजी बची है। इससे उधार दिए गए बकाया पैसे की वसूली के लिए दबाव बढ़ रहा है।

चीन की अर्थव्यवस्था है बेहाल
जानकारों का कहना है कि कोरोना के प्रकोप ने चीन के बुनियादी ढांचे और व्यापार पहल पर ब्रेक लगा दिया है। वैश्विक मंदी के कारण देनदारों की लोन चुकाने की क्षमता खतरे में पड़ गई है। जाम्बिया साल 2020 के अंत में महामारी के दौरान डिफ़ॉल्ट करने वाला पहला अफ्रीकी देश था। शंघाई स्थित फुडान के ग्रीन फाइनेंस एंड डेवलपमेंट सेंटर के एक अध्ययन के मुताबिक, इथियोपिया, श्रीलंका और पाकिस्तान सहित अन्य देश ऋण संकट में फंस गए हैं। वैश्विक आर्थिक मंदी, बढ़ती ब्याज़ दरों और ज़्यादा महंगाई के कारण कई देशों को चीन से लिया क़र्ज़ चुकाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अरबों डॉलर के कर्ज़ चुकाए नहीं जा सके हैं जिससे विकास परियोजनाएं ठप हो गई हैं।

यह भी पढ़ें : Explainer: फिलिस्तीन में कैसे आए थे यहूदी और इजरायल कैसे बना था अलग देश?

HISTORY

Written By

News24 हिंदी

First published on: Oct 16, 2023 09:58 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें