China Drilling Earth Crust: चीन के वैज्ञानिक धरती में 10 हजार मीटर यानी 32,808 फीट गहरा छेद कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि चीन ऐसा क्यों कर रहा है, इससे उसे लाभ क्या होगा? चीन से खबरें बाहर निकल नहीं पाती है, सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एक जानकारी जरूर दी है। इसके अनुसार चीन ने मंगलवार को देश के तेल समृद्ध झिंजियांग क्षेत्र में ड्रिलिंग शुरू की है। दावा किया कि यह देश का सबसे गहरा बोरहोल है।
पतला शॉफ्ट धरती के भीतर 10 से अधिक महाद्वीपीय स्तर या चट्टान की परतों तक जाएगा। यह शॉफ्ट धरती के क्रस्ट में 145 मिलियन वर्ष पुराने क्रेटेसियस सिस्टम तक पहुंचने में सक्षम है।
कितना कठिन है यह काम
पृथ्वी के भीतर 10 हजार मीटर तक छेद करना काफी कठिन काम है। चाइनीज एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के वैज्ञानिक सन जिनशेंग ने कहा कि यह काम दो पतले तारों पर एक बड़ा ट्रक चलाने जितना कठिन है। इसे पूरा करने में 457 दिन लगेंगे।
A landmark in China's deep-Earth exploration: The drilling of the country's first borehole over 10,000 meters deep for scientific exploration began in the Tarim Basin in Xinjiang pic.twitter.com/Njf1kf1ebQ
— China Xinhua Sci-Tech (@XHscitech) May 31, 2023
क्या होगा फायदा?
झिंजियांग तेल समृद्ध क्षेत्र है। संभावना है कि वैज्ञानिक पृथ्वी के गर्भ में छिपे खनिज और उर्जा संसाधनों की पहचान के लिए छेद कर रहा है। इस काम से भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट जैसी प्राकृतिक आपदाओं के जोखिमों का आंकलन करने में मदद मिल सकती है। हालांकि मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश चीन इस छेद के जरिए पृथ्वी के ऊपरी सतह और नीचे की सीमाओं की खोज कर रहा है।
पृथ्वी में छेद करने का काम चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉर्प कर रहा है। कंपनी का कहना है कि इस परियोजना से पृथ्वी की आतंरिक संरचना का अध्ययन हो सकेगा। इसके अलावा गहरी भूमिगत ड्रिलिंग तकनीकों का भी परीक्षण किया जाएगा।
जिनपिंग ने वैज्ञानिकों को किया था प्रेरित
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2021 में देश के प्रमुख वैज्ञानिकों को संबोधित किया था। उन्होंने पृथ्वी की गहराई की खोज में तेजी लाने का निर्देश दिया था।
ये है दुनिया का सबसे गहरा छेद
दुनिया का सबसे गहरा छेद रूसी कोला सुपरडीप बोरहोल है। इसे पूरा करने में 20 साल का वक्त लगा था। यह 40,230 फीट गहरा है।