Asteroid Apollo May Strike to Earth: अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने दुनिया के लिए एक अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट के मुताबिक, धरती से एक विशाल क्षुद्रग्रह टकरा सकता है, जिससे धरती पर उथल-पुथल मच सकती है। इस क्षुद्रग्रह का नाम अपोलो MG1 है, जो एक बोइंग 767 प्लेन जितना लंबा और उससे कहीं ज्यादा वजनी है।
करीब 220 फीट लंबा यह क्षुद्रग्रह 73 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंतरिक्ष में घूम रहा है और धरती की तरफ बढ़ रहा है। अलर्ट के अनुसार, क्षुद्रग्रह 21 जुलाई 2024 को 21:31 UTC (22 जुलाई को 3:01 पूर्वाह्न IST) पर पृथ्वी के पास से गुजर सकता है। धरती से करीब 4.2 मिलियन किलोमीटर की दूरी से यह धरती की तरफ आ रह है।
The US space agency NASA is tracking a giant asteroid that is hurtling towards Earth.
---विज्ञापन---Traveling at a speed of 73055 km per hour, the asteroid will make its closest approach to Earth today.
It is a near-Earth asteroid belonging to the Apollo group. Named NF 2024, the asteroid… pic.twitter.com/1Vfv6UHa18
— Space and Technology (@spacetech94) July 17, 2024
बड़े हादसे का कारण बन सकता है क्षुद्रग्रह
अपोलो क्षुद्रग्रह साल 1862 में खोजा गया था, जिसका नाम अपोलो स्पेस क्राफ्ट के नाम पर रखा गया है। इस क्ष्रुद्रग्रह से टूटकर बना क्षुद्रग्रह धरती से टकराकर विनाश का कारण बन सकता है, लेकिन देखना यह होगा कि यह धरती के किस हिस्से से टकराएगा? नासा के स्पेस साइंटिस्ट कहते हैं कि क्षुद्रग्रह जब पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं और 2013 में हुए चेल्याबिंस्क अग्निकांड जैसे हादसे का कारण बनते हैं।
हालांकि MG1 के धरती से टकराने की संभावना कम है, लेकिन नासा के वैज्ञानिक इस पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। नासा के वैज्ञानिक क्षुद्रग्रह को ट्रैक करने के लिए रडार सिस्टम और दूरबीनों का उपयोग कर रहे हैं। वहीं इस क्षुद्रग्रह की स्पीड को देखते हुए इसका रूट बदलने की संभावना भी है।
बता दें कि इससे पहले एक और क्षुद्रग्रह 2024 MT1 धरती के पास गुजरा था। गत 8 जुलाई को उल्का पिंड करीब 65 हजार किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से धरती के करीब आया, लेकिन टकराया नहीं। इस उल्का पिंड का व्यास लगभग 260 फीट था। इससे पहले 29 जून को एक उल्का पिंड धरती के करीब से गुजरा था।
On June 29, 2024 the 150-meter-wide asteroid 2024 MK passed near Earth, coming within 295,000 km—closer than the Moon! As it was departing on June 30 NASA bounced radar signals off it, creating radar “pictures” showing its general shape and surface as it tumbled through space. pic.twitter.com/PdfR7NT3a0
— Jason Major (@JPMajor) July 12, 2024