भारतीय मूल के सीनियर जेल वॉर्डन के खिलाफ सिंगापुर में बड़ी कार्रवाई की गई है। सिंगापुर के कैदी से घूस मांगने के मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया है। उन्होंने एक कैदी को जेल से बाहर शिफ्ट करने के बदले में 83 लाख (133000 SGD) से अधिक रुपये की घूस मांगी थी। रिश्वत मांगने के चलते उनको दोषी ठहराया गया है।
जेल वार्डन की पहचान 56 वर्षीय कोबी कृष्णा के रूप में हुई है। न्यूज चैनल एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, दोषी कोबी कृष्णा अयावू ने अपने सहयोगियों को जेल सिस्टम तक पहुंच कर कैदी की जानकारी लेने के लिए उकसाया था। इस मामले में भी उन्हें दोषी पाया गया है।
कोबी कृष्णा ने चोंग केंग से मांगी थी रिश्वत
रिपोर्ट के मुताबिक, कोबी कृष्णा ने 10 आरोपों का सामना किया था। इनमें से ज्यादातर आरोप चोंग केंग च्ये नाम के कैदी से रिश्वत मांगने के थे। लेकिन उन सभी में उन्हें दोषी ठहराया गया था। अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया था कि कोबी कृष्णा ने सितंबर 2015 और मार्च 2016 के बीच चोंग कोंग से रिश्वत मांगी थी।
पैसे के बदले जेल से बाहर शिफ्ट करने का किया था वादा
चोंग ने बताया कि कोबी कृष्णा ने पैसे के बदले हमें जेल से बाहर शिफ्ट करने में मदद करना का वादा किया था। हालांकि चोंग को यह बात पता थी कि कोबी उसे शिफ्ट करने में मदद नहीं कर सकता, लेकिन उन्होंने कोबी के बातों पर भरोसा किया। क्योंकि उन्होंने बताया कि उसका एक दोस्त है, जो ख़ुफ़िया अधिकारी है।
चोंग को 20 साल की हिरासत की सजा सुनाई गई थी
चोंग को 2005 में अपनी प्रेमिका के बेटे के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए 20 साल की निवारक हिरासत की सजा सुनाई गई थी। उन्हें चांगी जेल के A1 क्लस्टर में रखा गया था, जो लंबी सजा पाने वाले अपराधियों के लिए अधिक सुरक्षा वाली जेल है।