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पूर्व पीएम, नोबेल विजेता, छात्र नेता… बांग्लादेश की नई सरकार में इन चेहरों का होगा बड़ा रोल

पड़ोसी देश बांग्लादेश में हालात बेहद गंभीर हुए हैं। पड़ोसी देश इस समय सत्ता परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। शेख हसीना के पीएम पद और देश छोड़ने के बाद नई सरकार की गठन को लेकर तैयारी की जा रही है। आइए जानते हैं बांग्लादेश के नए नेतृत्व में कौन-कौन से चेहरे सबसे अहम भूमिकाओं में नजर आ सकते हैं।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Aug 6, 2024 22:40
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Khaleda Zia, Muhammad Younus, Nahid Islam
Khaleda Zia, Muhammad Younus, Nahid Islam

Bangladesh Political Crisis : बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी और पांच बार प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना देश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था को लेकर हफ्तों चले हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद इस्तीफा देकर देश छोड़ चुकी हैं। अब पड़ोसी देश में नई अंतरिम सरकार के गठन को लेकर तैयारियां चल रही हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार नई सरकार के मुख्य सलाहकार की भूमिका नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस निभाएंगे। इस नई अंतरिम सरकार में एक नोबेल विजेता, एक पूर्व प्रधानमंत्री और एक छात्र नेता अहम भूमिका में नजर आएंगे। आइए जानते हैं उन चेहरों के बारे में जो बांग्लादेश के नए राजनीतिक नेतृत्व में बड़े रोल अदा कर सकते हैं।

हालात संभालने के लिए अस्थायी एडमिनिस्ट्रेशन के लिए राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सोमवार देर रात अनुमति दे दी थी। इसे लेकर उनके आवास पर एक बैठक हुई थी जिसमें बांग्लादेशी सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों के साथ राजनीतिक दलों के नेता और सिविल सोसायटी के सदस्य भी शामिल हुए थे। हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश की राजनीतिक तस्वीर जैसी बनती नजर आ रही है उसमें तीन बड़े नाम सबसे आगे दिख रहे हैं। इन चेहरों में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया, नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस और छात्र नेता नाहिद इस्लाम का नाम शामिल है। आइए समझते हैं कि बांग्लादेश की राजनीति में इनका कितना प्रभाव है।

खालिदा जिया: बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री

78 साल की खालिदा जिया ने साल 1991 में बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में पद की शपथ ली थी। साल 1996 में उन्होंने दूसरी बार जीत हासिल की थी लेकिन बड़े विपक्षी दलों ने इन चुनावों का बहिष्कार किया गया था और परिणाम स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। विरोध करने वालों में शेख हसीना की अवामी लीग भी शामिल थी। उनका दूसरा कार्यकाल सिर्फ 12 दिन चला था। इसके बाद कार्यकारी सरकार नियुक्त की गई थी और फिर से चुनाव हुए थे जिनमें हसीना को जीत मिली थी। लेकिन, इसके बाद हुए अगले चुनाव में जिया की फिर से सत्ता में वापसी हुई थी।

साल 2007 में खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। साल 2018 में उन्हें दोषी करार दिए जाने के बाद जेल में बंद कर दिया गया था। लेकिन, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते उनका अधिकांश समय अस्पताल में ही बीता। शेख हसीना के इस्तीफे के कुछ देर बाद ही राष्ट्रपति की ओर से उनकी तत्काल रिहाई का आदेश जारी कर दिया गया था। यह आदेश जारी होने के बाद अटकलें लगाई जाने लगीं कि बांग्लादेश की कमान फिर से खालिदा जिया को दी जा सकती है। लेकिन, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या उनका स्वास्थ्य ऐसा है कि वह यह पद संभाल सकें।

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मोहम्मद यूनुस: साल 2006 में मिला था नोबेल अवॉर्ड

अमेरिका के टेनेसी में स्थित प्राइवेट रिसर्च इंस्टीट्यूट वैडरबिल्ट यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने वाले मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार में मुख्य सलाहकार की भूमिका में नजर आ सकते हैं। उन्होंने साल 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की थी। यह बैंक बांग्लादेश के ग्रामीण इलाकों में छोटे कारोबार शुरू करने के लिए महिलाओं को छोटे-छोटे लोन देता है। उनकी इस पहल ने लाखों लोगों को गरीबी के गर्त से बाहर निकलने में मदद की है। इसके चलते उन्हें गरीबों का बैंकर के नाम से भी जाना जाता है। यह मॉडल अब 100 से ज्यादा देशों में लागू किया जा चुका है।

ग्रामीण बैंक के लिए ही उन्हें साल 2006 में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। लेकिन, बीच में उनके खिलाफ अपनी टेलीकॉम कंपनी के वर्कर्स वेलफेयर फंड से 219.4 करोड़ रुपये का गबन करने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। हालांकि, 83 साल के इस अर्थशास्त्री ने आरोपों को खारिज किया था और दावा किया था कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। जनवरी में उन्हें लेबर कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप में छह महीने कारावास की सजा सुनाई गई थी। लेकिन, बाद में उन्हें अदालत की ओर से जमानत मिल गई थी। अब वह बड़े रोल में नजर आ सकते हैं।

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नाहिद इस्लाम: छात्रों के आंदोलन की संभाली कमान

सोशियोलॉजी के छात्र नाहिद इस्लाम को भी बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। वह सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था में सुधारों की मांग करने वाले स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक की भूमिका निभा चुके हैं। कल हुई घटनाओं के बाद सोमवार की रात घोषणाओं के दौर के बीच इस्लाम ने दावा किया था कि अगले 24 घंटे में अंतरिम सरकार की रूपरेखा का ऐलान कर दिया जाएगा। इस्लाम शेख हसीना की पार्टी के खिलाफ भी आवाज उठाते रहे हैं और सार्वजनिक तौर पर इसके सदस्यों को आतंकवादी कहते रहे हैं।

नाहिद इस्लाम का इसी साल जुलाई में कम से कम 25 लोगों ने अपहरण कर लिया था। रिपोर्ट्स के अनुसार उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी गई थी और हाथ बांध दिए गए थे। इस दौरान प्रदर्शनों में उनकी संलिप्तता को लेकर पूछताछ के दौरान उन्हें खूब टॉर्चर किया गया था। किडनैपिंग के 2 दिन बाद वह पूर्बाचल में एक पुल के नीचे बेहोश अवस्था में मिले थे। इसके एक सप्ताह बाद ही फिर उनका अपहरण हो गया था। दावे किए गए थे कि दूसरी बार किडनैपिंग करने वाले लोग इंटेलिजेंस एजेंसी के कर्मचारी थे। इसमें ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच का नाम भी सामने आया था।

SOURCES
HISTORY

Written By

Gaurav Pandey

First published on: Aug 06, 2024 10:40 PM

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