World Latest News: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी हत्या की साजिश रचे जाने का चौंकाने वाला खुलासा किया है। शेख हसीना फिलहाल भारत में शरण लिए हुए हैं। वे दिल्ली में किसी जगह पर रह रही हैं। हसीना को छात्र आंदोलन की वजह से अपना देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था। हसीना ने दावा किया है कि सत्ता से बेदखल होने के बाद उनकी और बहन शेख रेहाना की हत्या की साजिश रची गई थी। हसीना ने बांग्लादेश अवामी लीग के फेसबुक पेज पर एक ऑडियो संदेश पोस्ट किया है। ऑडियो में वे कहती हैं कि रेहाना और मुझे मारने की साजिश रची गई थी। 20-25 मिनट पहले ही वे मौत से बचकर निकलीं।
पिछले साल उनकी सरकार को एक छात्र आंदोलन ने उखाड़ फेंका था, जिसके बाद विरोध और प्रदर्शनों में लगभग 600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। आंदोलन के हिंसक होने के बाद 76 वर्षीय शेख हसीना को भारत में शरण लेने पर मजबूर होना पड़ा था। उन घटनाओं को याद करते हुए हसीना दावा करती हैं कि सुनियोजित ढंग से साजिशें रची गई थीं। वे ईश्वरीय हस्तक्षेप की वजह से आज जिंदा हैं। भावुक होकर हसीना कहती हैं कि मुझे लगता है कि यह अल्लाह की मर्जी थी, जिसकी वजह से मैं बच गई। उनके ऊपर ग्रेनेड अटैक हुआ था।
कोटालीपारा में बम से उड़ाने की कोशिश हुई थी। हसीना 21 अगस्त 2004 का जिक्र करती हैं, जब ढाका में उनके ऊपर आतंकवाद विरोधी रैली में जानलेवा हमला हुआ था। ग्रेनेड हमले में 24 लोग मारे गए थे, 500 घायल हुए थे। हसीना को मामूली चोटें आई थीं। 2000 में उनको कोटालीपारा में एक रैली को संबोधित करना था। इससे पहले यहां से 76 किलोग्राम का बम मिला था।
In a recent audio speech shared on her #Bangladesh Awami League party’s Facebook page, former Bangladesh PM #SheikhHasina claimed that a conspiracy to kill her and her sister, Sheikh Rehana, was orchestrated when she was ousted from power. “Rehana and I managed to escape death,… pic.twitter.com/AxkU13XGix
— The Statesman (@TheStatesmanLtd) January 18, 2025
500 लोगों के अपहरण का आरोप
हसीना के खिलाफ बांग्लादेश की नई सरकार ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया हुआ है। इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने उनके 15 साल के शासन के दौरान कथित तौर पर लोगों के लापता होने पर जांच शुरू की थी। आरोप है कि उस दौरान प्रशासन ने 500 से ज्यादा लोगों का अपहरण किया। नई अंतरिम सरकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा था कि हसीना को न्याय का सामना करना होगा।
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उन्होंने मानवता के खिलाफ अपराध किए हैं, ढाका औपचारिक तौर पर भारत से उनके प्रत्यर्पण की डिमांड कर चुका है। दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि में एक स्पष्ट समय सीमा का अभाव है। बांग्लादेश हसीना को लेकर भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने के संकेत भी दे चुका है।