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Youtube Ban: यूट्यूब नहीं चला सकेंगे 16 से कम उम्र के बच्चे, इस देश ने जारी की गाइडलाइन

Youtube Ban: ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने यूट्यूब बैन कर दिया है। 16 साल के कम उम्र के बच्चों के लिए यह आदेश जारी किया गया है। सरकार ने एक गाइडलाइन जारी करके यूट्यूब इस्तेमाल करने के लिए छूट भी दी है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Jul 30, 2025 09:12
Youtube Ban | Social Media | Australia
गाइडलाइन में यूट्यूब के इस्तेमाल को लेकर एक छूट भी दी गई है।

YouTube Ban For Teens: ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए यूट्यूब को बैन कर दिया गया है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक, स्नैपचैट और X सोशल नेटवर्किंग साइट्स 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बैन थी, लेकिन अब इस सूची में यूट्यूब को भी शामिल कर दिया गया है। सरकार की ओर से बैन को लेकर गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है, जिसमें साफ-साफ चेतावनी दी गई है कि अगर 16 साल से कम उम्र के बच्चों का यूट्यूब अकाउंट मिला या बच्चों ने कोई सोशल मीडिया अकाउंट सबसक्राइब किया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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कब से लागू होगा बैन का आदेश

ऑस्ट्रेलिया की संचार मंत्री अनिका वेल्स ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि यूट्यूब बैन का आदेश 10 दिसंबर 2025 से सख्ती से लागू हो जाएगा। ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने यह फैसला पहले दी गई छूट को पलटते हुए लिया गया है, जिसमें यूट्यूब को एजुकेशनल इस्तेमाल के कारण बैन से बाहर रखा गया था, लेकिन अब जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि यूट्यूब किड्स ऐप को बैन से बाहर रखा गया है, यानी बच्चे यूट्यूब की इस ऐप का इस्तेमाल कर सेकेंगे, क्योंकि यूट्यूब किड्स पर अपलोड कंटेट बच्चों के लिए सुरक्षित है। इसमें बच्चे वीडियो अपलोड नहीं कर सकते हैं।

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क्या है बैन लगाने का मकसद?‌

ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने यूट्यूब को बैन में शामिल करने का फैसला बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए किया है। यह कानून अन्य देशों के लिए भी मॉडल बन सकता है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया का बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन करने का कानून दुनिया में अपनी तरह का पहला कानून है, जो बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखने के लिए बनाया गया है। सोशल मीडिया के हानिकारक प्रभावों, जैसे नशे की लत पैदा करने वाले एल्गोरिदम, हिंसक कंटेंट, साइबर बुलिंग और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों से बचाने के लिए बनाया गया है।

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रिसर्च के आधार पर लिया गया फैसला

eSafety आयुक्त जूली इनमैन ग्रांट ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में एक रिसर्च हुई थी, जिसमें निष्कर्ष निकला कि देश के 37% बच्चे यूट्यूब पर हानिकारक कंटेट जैसे हिंसक वीडियो, अव्यवस्थित खान-पान, आत्महत्या से संबंधित वीडियो देखते हैं, जिससे उनकी मेंटल हेल्थ प्रभावित हो रही है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के सोशल मीडिया बैन करने के फैसले पर यूट्यूब ने आपत्ति जताई है। यूट्यूब ने विरोध के लिए तर्क दिया है कि यह एक वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म है, न कि सोशल मीडिया। यूट्यूब ने ऑस्ट्रेलिया को कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है, जिसमें संवैधानिक स्वतंत्रता के उल्लंघन का हवाला दिया गया है।

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कंपनियों ने की थी यूट्यूब की शिकायत

यूट्यूब की प्रतिद्वंद्वी कंपनियों फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक और स्नैपचैट ने शिकायत की थी कि यूट्यूब को मिली छूट पक्षपाती है, क्योंकि यूट्यूब की शॉर्ट्स टिकटॉक और इंस्टाग्राम रील्स की तरह हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और संचार मंत्री अनिका वेल्स ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया के बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता है, इसलिए सरकार कंपनियों के दबाव में नहीं आएगी। सोशल मीडिया से बच्चों की सोशल और मेंटल ग्रोथ प्रभावित हो रही है। इसलिए कानून के तहत कहा गया है कि सोशल मीडिया कंपनियों को भी 16 साल से कम उम्र के यूजर्स को रोकने के लिए उचित कदम उठाने होंगे, अन्यथा 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।


 

First published on: Jul 30, 2025 07:58 AM

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