पाकिस्तान में अफगान सीमा के पास पाक फौज पर हमला हुआ है। इसमें 11 पैरामिलिट्री सैनिक और 2 अधिकारियों की मौत हो गई है। बुधवार को हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी तालिबान (TPP) ने ली है।
बताया जा रहा है कि उग्रवादियों ने सड़क किनारे बम लगाए गए थे। यहीं से सेना का काफिला निकलना था। जब सेना का काफिला वहां से निकला तो पहले उग्रवादियों ने सेना पर गोलियां बरसाईं।
क्या है टीटीपी?
पाकिस्तानी तालिबान, जिन्हें तेहरिक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) भी कहा जाता है। यह समूह पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ है। टीटीपी पाकिस्तान सरकार को हटाना चाहता है। पिछले कुछ महीनों में टीटीपी ने पाकिस्तान के सुरक्षा बलों पर हमले तेज कर दिए हैं।
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अफगानिस्तान से लेते हैं ट्रेनिंग
पाकिस्तान सेना और टीपीपी में खिलाफत कोई नई नहीं हैं। पिछले कई सालों से दोनों के बीच संघर्ष देखने को मिल रहा है। पाक सरकार ने आरोप लगाया है कि तालिबान के मिलिटेंट अफगानिस्तान की सीमापार से अपनी ट्रेनिंग ले रहे हैं। पाकिस्तान में आकर सेना के खिलाफ हमला करता है। वहीं पाक सरकार से आरोप पर काबुल ने यह आरोप झूठा बताया है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
इस्लामाबाद में सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें पिछले 3 महीनों में पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों और सैन्य कार्रवाई में हुआ नुकसान का डाटा बताया गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले 3 महीने में करीब 900 लोग मारे गए। इसके अलावा 600 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। बताया गया कि करीब 329 हिंसक घटनाएं हुईं हैं। इसमें आतंकवादी हमला और सेना के ऑपरेशन भी शामिल हैं। वहीं पिछली तिमाही की तुलना की बात करें तो हिंसा में 46 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।
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