Afghanistan Earthquake Inside Story: अफगानिस्तान की धरती एक सितंबर से आए दिन भूकंप के झटकों से दहल रही है। एक सितंबर से 5 सितंबर तक अफगानिस्तान में 18 बार भूकंप आ चुका है, जिनमें से 2 भूकंप की तीव्रता 6 से ज्यादा रही, वहीं अन्य भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 से 5 के बीच रही। एक सितंबर को आए भूकंप ने तो अफगानिस्तान में जान-माल का काफी नुकसान किया। हजारों लोग मारे गए और हजारों लोगों से उनका आशियाना छिन गया।
EQ of M: 4.6, On: 05/09/2025 07:46:52 IST, Lat: 34.66 N, Long: 70.71 E, Depth: 180 Km, Location: Afghanistan.
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भारत-पाकिस्तान तक महसूस किए गए झटके
वहीं 6 से ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप भारत और पाकिस्तान तक महसूस किए गए। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर अफगानिस्तान में इतने भूकंप क्यों आ रहे हैं? भारत और पाकिस्तान तक भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं तो अफगानिस्तान में आया भूकंप भारत और पाकिस्तान के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है? अफगानिस्तान, भारत और पाकिस्तान के कौन-कौन से इलाके भूकंप के मद्देनजर काफी संवेदनशील हैं, आइए जानते हैं…
एक सितंबर को आए भूकंप से हुआ नुकसान
बता दें कि एक सितंबर 2025 को अफगानिस्तान में 6.3 की तीव्रता वाला विनाशकारी भूकंप आया था, जिसने नंगरहार और कुनार राज्यों में भीषण तबाही मचाई थी। भूकंप का केंद्र जलालाबाद से 27 किलोमीटर दूर धरती के नीचे 8 से 10 किलोमीटर की गहराई में मिला था, लेकिन इस भूकंप ने दोनों राज्यों को मलबे में तब्दील कर दिया था। 1500 लोगों ने जान गंवाई और करीब 3500 लोग घायल हुए। इसके बाद 4 सितंबर को दक्षिण-पूर्वी अफगानिस्तान में 6.2 की तीव्रता का भूकंप आया।
BREAKING: Death toll from Kunar earthquake, Afghanistan rises to 2,205, with 3,640 injured. Rescue and relief operations continue – Deputy Spokesman of the Islamic Emirate of Afghanistanpic.twitter.com/IZi8PcoAvK
— Volcaholic 🌋 (@volcaholic1) September 4, 2025
अफगानिस्तान में क्यों आते हैं भूकंप?
बता दें कि अफगानिस्तान में भू-वैज्ञानिक स्थिति के कारण भूकंप आते हैं। अफगानिस्तान हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला की तलहटी में बसा है। यहां धरती के नीचे भारतीय टेक्टोनिक और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकराती हैं, जिससे पैदा होने वाली तरंगें धरती तक पहुंचकर भूकंप का कारण बनती हैं। हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला के नीचे चमन फॉल्ट समेत कई फॉल्ट लाइनें सक्रिय हैं, जो इस इलाके को भूकंप के मद्देनजर संवदेनशील इलाका बनाती हैं। अफगानिस्तान का हेरात इलाके में भूकंप से सबसे ज्यादा तबाही मचती है।
भारत-पाकिस्तान के लिए खतरा क्यों?
अफगानिस्तान में भूकंप 70 किलोमीटर की उथली गहराई में आते हैं और अफगानिस्तान में ज्यादातार रिहायशी मकान मिट्टी के बने हैं, इसलिए भूकंप की तीव्रता ज्यादा होते ही ढह जाते हैं। इसके अलावा हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला के नीचे भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स से दोनों ओर भारत के जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब राज्य और पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और बलूचिस्तान राज्य भी सटे हैं, इसलिए अफगानिस्तान में आए भूकंप के झटके भारत और पाकिस्तान में भी महसूस किए गए।