Afghanisath Pakistan Ceasefire: पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक में अफगानिस्तान के 3 क्रिकेटर्स की मौत के बाद दोनों देशों में सीजफायर हो गया. कतर में हुई शांति वार्ता में दोनों देशों के बीच युद्धविराम पर सहमति बनी और समझौते पर साइन करके एक दूसरे को शर्तों का प्रस्ताव सौंपा गया. कतर के विदेश मंत्रालय की ओर से अफगानिस्तान और पाकिस्तान में युद्धविराम का ऐलान किया गया. शांति वार्ता के दौरान कतर की राजधानी दोहा में अफगान-पाक विदेश मंत्रियों के साथ कतर और तुर्की के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे.
स्थायी युद्धविराम और शांत के लिए करेंगे बैठकें
युद्धविराम समझौते के तहत अफगानिस्तान और पाकिस्तान आने वाले दिनों में युद्धविराम को स्थायी बनाए रखने और इसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए बैठकें करेंगे. लंबे समय तक चलने वाली शांति और अपने-अपने देशों में आतंकवाद के खात्मे के लिए भी प्रयास करेंगे.इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच दोहा में कतर और तुर्किये के प्रतिनिधियों के सामने दोनों प्रस्तावों पर सहमति बनी और तत्काल युद्धविराम का ऐलान करके सेनाओं के साथ-साथ तालिबानी लड़ाकों को भी बॉर्डर से लौट जाने को कहा गया.
9 अक्टूबर की रात से जारी है दोनों देशों में संघर्ष
बता दें कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान में डूरंड लाइन पर पिछले 10 दिन से संघर्ष जारी है. पहले 9-10 अक्टूर की रात को पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर यह आरोप लगाते हुए हमला किया कि अफगानिस्तान ने तहरीक-ए-तालिबन पाकिस्तान के आतंकियों को पनाह दी है. पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हमला किया तो जवाबी कार्रवाई करते हुए अफगान सेना और तालिबान लड़ाकों ने पाकिस्तान में घुसकर हमला किया और पाकिस्तानी सेना की 25 चौकियों पर कब्जा करके सैनिकों को ढेर कर दिया. हमले में बच्चों, महिलाओं समेत कई आम नागरिक भी मारे गए.
हमले में मारे गए अफगानिस्तान के 3 क्रिकेटर्स
बता दें कि दोहा में अफगानिस्तान और पाकिस्तान में शांति वार्ता पाक सेना द्वारा किए गए युद्धविराम के उल्लंघन के बाद हो रही है. पाकिस्तान की सेना ने अफगानिस्तान के दक्षिण-पूर्वी पक्तिका प्रांत में हमला किया था, जिसमें 3 अफगान क्रिकेटरों सहित 17 लोग मारे गए थे. इस हमले के बाद कतर में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुई उच्चस्तरीय शांति वार्ता हुई.बैठक में पाकिस्तान की ओर से रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और ISI प्रमुख जनरल आसिम मलिक शामिल थे, जबकि अफगानिस्तान की ओर से रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब की अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहा.